जब भी चाहा हमने इंसान बनकर जीना यहां,
लोग हरकतो से अपने शेतान बना देते हैं,
कुचलते है अक्सर लोग नाजुक फूलों को,
पत्थर को तो भगवान बना देते हैं,
21 अगस्त 2022
जब भी चाहा हमने इंसान बनकर जीना यहां,
लोग हरकतो से अपने शेतान बना देते हैं,
कुचलते है अक्सर लोग नाजुक फूलों को,
पत्थर को तो भगवान बना देते हैं,
1 फ़ॉलोअर्स
मैं अपने बारे में क्या बताऊ सिर्फ यही कह सकता हूँ कि कुछ जज्बातो को शब्दों में पिरोने की कोशिश है , उम्मीद है आप सभी को पसंद आएगी D