पहाड़ हम उखाड़ दें .
Bairi को पछाड़ दें .
Hm सब bhaartiy हैं .
Aao मिल dahaad दें .
16 अक्टूबर 2015
पहाड़ हम उखाड़ दें .
Bairi को पछाड़ दें .
Hm सब bhaartiy हैं .
Aao मिल dahaad दें .
लोकेन्द्र जी, 'शब्दनगरी' में आपका स्वागत है ! अति सुन्दर पंक्तियों से शुरुआत की है ! बहुत बढ़िया !
17 अक्टूबर 2015