सुनो,,,
अविनय अवज्ञा कानून हम स्वीकार करते हैं..
सनम तेरी मोहब्बत को प्रेम से अस्वीकार करते हैं
शिकवा शिकायत ना कोई ताल्लुक रखेंगे
तुम्हें अपनी यादों के दामन से भी दूर रखेंगे
हम मोहब्बत का मोहब्बत से प्रतिकार करते हैं
सनम तेरी मोहब्बत को प्रेम से अस्वीकार करते हैं..!!
ना जाने क्यों आजकल तेरी चाहत नहीं होती
तुझे सोचकर बेचैन दिल को राहत नहीं होती
अपनी रूह से अब हम तेरा बहिष्कार करते हैं
सनम तेरी मोहब्बत को प्रेम से अस्वीकार करते हैं...!!
गुजरा हुआ कल जो भी था बहुत खास था
तू दूर तो था,,, सनम पर मेरे बहुत पास था
तुमसे नहीं है कोई गिला हम स्वीकार करते हैं
सनम तेरी मोहब्बत को प्रेम से अस्वीकार करते हैं..!!
किताबों में लिखी वो कहानी अब राज हो गई..
तारों से भरा आसमान था फिर भी रात हो गई..
प्रेम के अल्फाजों का हम भी व्यापार करते हैं..
सनम तेरी मोहब्बत को प्रेम से अस्वीकार करते हैं..!!
kanchan"savi"