तुमसे बंधी प्रेम की डोर चाहे ले जाओ जिस ओर..!!
आंखों तुम समाए हो नजर नहीं आता कोई और..!!
धड़कन सुने खामोशी कुछ ना बोलो सनम
राह भटक ना जाए डोर पकड़े रखना सनम
दिल मेरा नादान सा करता नहीं अब कोई शोर
तुमसे बंधी प्रेम की डोर चाहे ले जाओ जिस ओर..!!
कभी ले जाते हो उड़ा कर अपने ख्यालों में..
कभी वक्त के मांझे ने काटी डोर अरमानों के..
धुंध है चारों तरफ दिखाई नहीं देता कोई छोर..
तुमसे बंधी प्रेम की डोर चाहे ले जाओ जिस ओर..!!
प्रेम की डोर बांधों रुह को अपने संग कर लो..
थाम लो तुम माझा मुझे अपनी पतंग कर लो..
पंख फैला कर ऐसे नाचूं जैसे मन छुपा कोई मोर.
तुमसे बंधी प्रेम की डोर चाहे ले जाओ जिस ओर..!!
तुमसे बंधी प्रेम की डोर चाहे ले जाओ जिस ओर
आंखों तुम समाए हो नजर नहीं आता कोई और.!!
kanchan"savi"❣️