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भूमिका

16 सितम्बर 2022

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प्रवीण श्रीवास्तव की अन्य किताबें

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रचनाएँ
माही
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प्रिय पाठकों, लघु उपन्यास ‘माही’ मेरा दूसरा उपन्यास है. इससे पूर्व मेरा लघु उपन्यास ‘बैंक अधिकारी: बिखरते ख्य्वाब’ प्रकाशित हो चुका है, जिसको देश भर के पाठकों ने विशेष रूप से बैंकर्स ने बेहद पसंद किया. मुझे जो प्रतिक्रियाएं मिली, उनमें सबमें एक ही कॉमन बात ये थी कि बैंकिंग जैसे नीरस विषय को भी एक रोचक कहानी के रूप में ऐसी शैली में लिखा गया था कि प्रारम्भ के दो चार पन्ने पढने के बाद पाठकों ने उसे एक बार में ही पूरा समाप्त किया. इन प्रतिक्रियाओं से मेरा उत्साह बढ़ा और परिणाम मेरी नवीन कृति ‘माही’ के रूप में आपके समक्ष है. आशा करता हूँ कि इस उपन्यास के भी दो चार पृष्ठ पढने के बाद आप इसे पूरा पढ़े बिना नहीं रह पाएंगे. ‘माही’ एक ऐसे परिवार की कहानी है, जिसमें एक साल की बच्ची माही का अपहरण हो जाता है. इंस्पेक्टर राघव उसे तलाश करने का भरपूर प्रयत्न करता है किन्तु उसका कोई पता नहीं चल पाता है. इंस्पेक्टर राघव द्वारा माही के केस के इन्वेस्टीगेशन में शक की सुई किसी एक बिंदु पर नहीं टिक पाती है और एक के बाद एक रहस्य सामने आते हैं जो कि अथाह निश्छल प्रेम, करुण वियोग, प्रतिशोध, घृणा, उपकार के रेशमी किन्तु कटीले धागों से गुंथे होते हैं और इंस्पेक्टर राघव की इन्वेस्टीगेशन का अन्त मुख्य अपहरणकर्ता की गिरफ़्तारी और अबोध माही की हत्या की स्वीकारोक्ति के रूप में होता है. इसके बाद भी पीड़ित परिवार को एक और गुत्थी का सामना करना पड़ जाता है.
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समर्पण एवं आभार

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‘माही’ उपन्यास मेरे माता-पिता स्वर्गीय उर्वशी श्रीवास्तव एवं स्वर्गीय रामकृष्ण श्रीवास्तव को समर्पित है। जितनी भी थोड़ी बहुत मनुष्यता मुझमें है, वो सब उन्हीं के दिए संस्कारों के कारण ही है. मैं आभारी ह

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पुस्तक के बारे में

16 सितम्बर 2022
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प्रिय पाठकों, लघु उपन्यास ‘माही’ मेरा दूसरा उपन्यास है। इससे पूर्व मेरा लघु उपन्यास ‘बैंक अधिकारी बिखरते ख्य्वाब’ प्रकाशित हो चुका है, जिसको देश भर के पाठकों ने विशेष रूप से बैंकर्स ने बेहद पसंद किया

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भूमिका

16 सितम्बर 2022
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प्रकृति तो मनुष्य के ह्रदय में केवल एक ही भाव का बीजारोपण करती है, वो है केवल प्रेम। कब उसी नैसर्गिक प्रेम के पौधे की परिधि में अन्य भावनाएँ जैसे इर्ष्या, घृणा, क्रोध, लोभ, वासना और प्रतिशोध अवांछित घ

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माही

16 सितम्बर 2022
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राजन और रजनी के विवाह को आज दो बरस हो गए हैं. उन दोनों के विवाह की वर्षगांठ आज सोमवार एक अगस्त को बहुत धूमधाम से रजनी के पिताजी के फार्म हाउस में मनाई जा रही है. दोनों की एक प्यारी सी गुड़िया जैसी बेटी

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