संकट आए परेशान रहो या पढ़ो बीमार तुम,
क्यों चाहिए तुमको मेरी ही अटेंशन...?
छबीला हूं अभी नौजवान मैं,
मरती मुझ पर लड़कियां,
देखते ना आईना,पालते गलतफहमियां..
रख लूंगा दिल में रानी बना,
मर जाऊंगा तुम्हारे बिना,
डायलॉग मारते ये सरेआम तुम,
जानती हूं हर बात मैं,
बनती हूं अनजान मैं....
नित तुम स्वांग रचाओ,
घर के पैसे कहीं लुटाओ,
टोकने पर हाथ उठाओ,
फिर भी अच्छे तुम कहलाओ...
नजरों में तुम्हारे मैं जाहिल हूं,
काम में अपने मैं काहिल हूं,
चुप रहती हूं इज्जत की आस में,
कभी तो बनूंगी खास मैं...?
बीबी हूं तुम्हारी उपहास का पात्र नहीं,
कद्र नहीं जिसकी तुम्हें,ऐसे तुम एकमात्र नहीं,