तू जरा देख जख्म दिल के मेरे,
इतना दर्द देकर क्या मिला तुझको...
जा कर ले बेवफाई इज़ाजत है तुझे,
वादा है सोने ना देगीं मेरी वफाएं तुझको...
ना कर लौटने का इरादा अब कोई,
मर गया जो दिल से चाहता था तुझको...
क्या होगा अब आंखों से आंसू बहाकर,
जब फर्क ही नहीं पड़ता इनसे तुझको...
फर्क ना था तेरी और गैरों की मोहब्बत में कोई,
मैंने यूं ही समझ लिया दुनिया से अलग तुझको...