बिहार के दरभंगा जिले में एक रामचंद्र यादव नाम के 90 साल के एक बुजुर्ग की तलवार से गर्दन काटकर हत्या कर दी गई। उनका गुनाह सिर्फ यह था कि उन्होंने अपने घर के पास के चौराहे का नामकरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर कर दिया था। मीडिया की खबरों के मुताबिक 40 से 50 मुसलमानों ने उनको घर में घेरकर मौत के घाट उतार दिया। रामचंद्र यादव के बेटे के शरीर पर भी तलवार से कई वार किए गए। वो बेहद गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं। अभी कुछ दिन पहले ही 26 जनवरी को यूपी के कासगंज में चंदन गुप्ता नाम के एक नौजवान को तिरंगा झंडा फहराने के जुर्म में गोली मार दी गई। इन दोनों ही घटनाओं में एक बात समान है कि हत्यारे मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। रामचंद्र यादव ने देश के प्रधानमंत्री के नाम पर चौराहे का नामकरण किया था, जबकि चंदन गुप्ता ने गणतंत्र दिवस के दिन देश का झंडा फहराने की भूल की थी। सवाल ये है कि ऐसी घटनाओं पर सरकार काबू क्यों नहीं कर पा रही है? लोगों में इस बात को लेकर बहुत गुस्सा है कि रामचंद्र यादव की हत्या के बाद अब तक सरकार के किसी मंत्री या बीजेपी के किसी बड़े नेता ने सहानुभूति के एक शब्द भी नहीं कहे।