एक्स-मुस्लिमों पर बढ़ रहे हैं हमले
मुस्लिम देशों ही नहीं, अमेरिका और यूरोप में रह रहे पूर्व-मुसलमानों पर भी हमले बढ़े हैं। मरयम नमाजी कहती हैं कि कट्टरपंथी यहूदियों, हिंदुओं और ईसाइयों से भी ज्यादा हमसे नफरत करते हैं। क्योंकि उन्हें लगता है कि हमने उनके साथ कोई विश्वासघात किया है। इस्लाम छोड़ने की एकमात्र सज़ा है सज़ा-ए-मौत। मुस्लिम देशों में आए दिन ऐसी हत्याएं होती रहती हैं। ब्रिटिश पुलिस के रिकॉर्ड्स के मुताबिक अब वहां भी एक्स-मुस्लिमों पर हमले बढ़ रहे हैं। मरयम के मुताबिक “हम लोग दुनिया के हर कोने में असुरक्षित हैं। क्योंकि जहां भी कोई मुसलमान है वो हमें अपना दुश्मन नंबर-1 ही मानेगा। हर कोई आपको गंदा और नफरत लायक साबित करने में जुटा रहेगा। इस्लाम के अलावा कोई दूसरा धर्म अपने नास्तिकों के साथ इतना बुरा बर्ताव नहीं करता है। बांग्लादेश में ऐसे मुसलमानों की बड़ी संख्या है, उन्होंने इस्लाम छोड़ा और जान बचाने के लिए ब्रिटेन में शरण ले ली। लेकिन जब वो अपने देश कभी वापस गए तो ऐसे बर्बर तरीके से उन्हें मारा गया कि दिल दहल उठता है। ये हत्याएं इस्लामी परंपरा का हिस्सा हैं।”