धर्म और इतिहास
भारत में हुई है इन चीजों की खोज, प्लास्टिक सर्जरी से लेकर टॉयलेट फ्लश तक हैं शामिल
हमने दुनिया को तोहफे में दी हैं ये शानदार चीजें।
BY AMBAR ON 24-APR, 2018
आजकल जब भी सोशल मीडिया ओपन करता हूँ तो ऐसा महसूस होता है, जैसे दुख और परेशानियों के मामले में भारत दुनिया के तमाम देशों को पीछे छोड़ चुका है और यहाँ सारी चीजें सिर्फ बुरी ही होती हैं। हर जगह लोग बस परेशान से ही नजर आते हैं।
मगर ऐसा नहीं है कि देश में सब कुछ सिर्फ बुरा ही हो रहा है। दरअसल इस वक्त बुरी चीजों के बीच कहीं ना कहीं अच्छी चीजें छिप रही हैं। बलात्कारों के पीछे महिलाओं के लिए किये गए अच्छे काम छिप रहे हैं, हिन्दू-मुस्लिम झगड़ों के पीछे उनका भाईचारा छिप रहा है, सरकार की खामियों के पीछे उनके अच्छे काम छिप रहे हैं।
तो चलिए देश के इस बुरे माहौल में हमारी कुछ अच्छी बातें याद करते हैं। जानते हैं कुछ ऐसी चीजों के बारे में जिनकी खोज भारत में हुई है या यूँ कहिये कि ये चीजें हमनें दुनिया को तोहफे में दी हैं।
बटन
भारत में बटनों का इस्तेमाल करीब 5000 साल पहले सिंधु घाटी सभ्यता के वक्त से किया जाने लगा था। मोहनजोदड़ो की खुदाई में इसके अवशेष मिले थे। तब बटनों का इस्तेमाल गहनों की तरह किया जाता था
शैम्पू
सन 1762 के आसपास मुगल शासन के दौरान बंगाल के नवाब सिर में मालिश करने के लिए तेल का इस्तेमाल करते थे, जिसे चैंपो कहा जाता था। यही चैंपो आगे जाकर शैम्पू बना है।
प्लास्टिक सर्जरी
आज से करीब 2500 साल पहले भारतीय चिकित्सक सुश्रुत युद्ध या प्राकृतिक विपदाओं में जिनकी नाक खराब हो जाती थी उन्हें सर्जरी के जरिये ठीक करने का काम करते थे इसलिए उन्हें प्लास्टिक सर्जरी का जनक कहा जाता है।
स्याही
ईसा से करीब 4 सौ साल पहले भारत में स्याही की खोज कर ली गई थी। दक्षिण भारत में तभी से स्याही और नुकीले पेन का इस्तेमाल किया जाने लगा था।
फ्लश टॉयलेट
मोहनजोदड़ो की खुदाई के अनुसार इस सभ्यता के लोगों को हाइड्रोलिक इंजीनियरिंग का बहुत ज्ञान था। ये काफी विकसित सभ्यता थी। इसमें फ्लश टॉयलेट के भी अवशेष मिले थे।
शून्य की खोज
लगभग 458 ईस्वी में हिंदू खगोल विज्ञानी और गणितज्ञ आर्यभट्ट ने शून्य की खोज की थी। इसे भारत की महानतम खोजों में गिना जाता है।
फाइवर ऑप्टिक्स
डॉ. नरेंद्र सिंह कपानी को 'फाइवर ऑप्टिक्स का पिता' कहा जाता है। उन्हें फार्च्यून मैग्जीन के द्वारा '7 Unsung Heroes' की लिस्ट में भी शामिल किया जा चुका है।
स्केल
रूलर स्केल का इस्तेमाल भी भारत में सिंधू घाटी सभ्यता के दौरान ही किया जाने लगा था। मोहनजोदड़ो की खुदाई में हाथी के दांतों से बने स्केल पाए गए थे।
सांप सीढ़ी
सांप सीढ़ी का आविष्कार भी भारत में किया गया था। बाद में इस खेल को अंग्रेजों के द्वारा दुनिया के दूसरे देशों में पहुंचाया गया।
हीरे का खनन
करीब 5000 साल पहले ही भारत में हीरे का इस्तेमाल किया जाने लगा था। तब मध्य भारत में कृष्णा और गोदावरी नदियों के साथ बाढ़ की मिट्टी के जमाव के बीच हीरे के पाए गए थे। तभी से लोगों ने उनका खनन करना शुरू कर दिया था।
कपास की खेती
सिंधू घाटी के समय भी भारत में कपास की खेती की जाती थी और लोग सूती कपड़े पहना करते थे। इसलिए ये कहना गलत नहीं होगा कि हमने दुनिया को कपास की खेती करना सिखाया है।