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हे सत्य अहिंसा के पैगम्बर !हे त्याग समर्पण के दिगम्बर !हे उद्धारक वंचित शोषित के !हैं गाँधी अजर अमर ज़हानहे चिर पुरातन चिर&
*।।कृष्ण कहीं से आ जाएं।।*चेतना में आज सबकें कौरव षड्यंत्र चल रहा हैंकौरवों सी क्रूरता से हर तंत्र फल फूल रहा हैंपांडवी ऊर्जा गति निष्क्रिय निशदिन हो रही हैंकालिया जरासंध का साम्रा