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खोखले रिश्ते काया जरा सी क्या मेरी थकी, अपने बच्चों को ही हम अखरने लगे,जिनकी खुशियों पे जीवन निछावर मेरा, मेरे मरने की घडियाँ वो गिनने लगे // मेरे मरने से पहले वो भूले मुझे,किन्तु, मेरी कमाई पे लडने लगे, जनाजा मेरा उठा ही नही, जिन्दा घ
परदेश और अपने घर-आंगन में हिंदी बृजेन्द्र श्रीवास्तव ‘उत्कर्ष’ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था- "भारत के युवक और युवतियां अंग्रेजी और दुनिया की दूसरी भाषाएँ खूब पढ़ें मगर मैं हरगिज यह नहीं चाहूंगा कि कोई भी हिन्दुस्तानी अपनी मातृभा