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बसंत पंचमी

11 फरवरी 2024

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शीर्षक - बसंत पंचमी

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बसंत पंचमी पर्व पर सरस्वती पूजा करतें हैं।

बसंत ऋतु प्रकृति का परिवर्तन होता हैं।

हम सभी के जीवन में मौसम के साथ जीते हैं।

सरसों के लहलहाते खेत बसंत ऋतु बताते हैं।

रंग बिरंगे फूल और नील गगन छटा मस्त बनाते हैं।

मौसम की सोच हम सभी अपने मन भाव कहते हैं।

बसंत पंचमी पर्व का हम सभी श्रृद्धा भाव से मनाते हैं।

जीवन और जिंदगी के रंगमंच में हम सभी सोचते हैं।

सच तो बसंत ऋतु के साथ बसंत पंचमी पर्व मनाते हैं।

रति और कामदेव के जीवन की राह हम सभी कहते हैं।

बसंत पंचमी को ऋतुराज हम सभी मौसम का राजा कहते हैं।

हां अपने जीवन के बसंत पंचमी पर्व याद हमको आते हैं।

आओ मिलकर हम बसंत पंचमी पर्व खुशियों से मनाते हैं।

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 *नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र


मीनू द्विवेदी वैदेही

मीनू द्विवेदी वैदेही

बहुत सुंदर लिखा है आपने सर 👌👌 आप मेरी कहानी प्रतिउतर और प्यार का प्रतिशोध पर अपनी समीक्षा जरूर दें 🙏🙏

13 फरवरी 2024

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रचनाएँ
मित्र
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दोस्त या मित्र आज के समय में मिलता नहीं है बस अगर हम किसी से दोस्ती या मित्रता कर ले तब उसे समाज तरह तरह की बात करता है परन्तु हमें अपने एतबार और जज्बातों को समझना चाहिए। एक कविता लिखीं हैं।

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