सावन का महीना हर वर्ष सावन का पवित्र माह जब आता है मिलती है हर भक्त को मंजिल राह पाता है हर भक्त भोले नाथ की सेवा में लग जाता है शिवजी पर निरंतर जल प्रवाह किया जाता है बेलपत्र , धतूरा और भंग का अभिषेक होता है मेघो का झुंड उमड़ घूमंड कर जल बरसाता है मौसम का नजारा बहुत सुहावना बन जाता है चारो और वातावरण हरियाली छाती जाती है सारी पहाड़ी ,पर्वत पर हरियाली नजर आती है वेद पुराणों में सावन मास का जिक्र आता है दान धर्म पूजा पाठ के लिए ये मास आता है जब ही तो सभी को सावन को हरियाली हमें मन भावन और मोहक नजर आती है । सावन में सुबह उठकर शिवालय जाते है ऐसे परिदृश्य देखकर कितना खुश हो जाते है होते किसान भी खुश बारिश शुरू हो जाती है निकल पड़ते है कावड़िए शिव को जाते है । पैदल चलकर दुख दर्द भूलकर ,चलते जाते है चल पड़ते है कदम शिवजी को जल चढ़ाने पवित्र गंगा जल से अभिषेक किया जाता है बम भोले के जयकारों से मंदिर गूंज जाता है । सुबह सुबह भोलेनाथ की आरती से मन शांत और प्रसन्नचित हो जाता है ओम नमः शिवाय से वातावरण मनमोहन हो जाता है । सावन का महीना आता है । सबके मन खुशियां लाता है । हर वर्ष सावन का पवित्र माह जब आता है मिलती है हर भक्त को मंजिल राह पाता है पवन कुमार शर्मा कवि कौटिल्य
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