मेरे द्वारा लिखी गई किताब का नाम कागज़ की दुनिया है। इस किताब मे ''कागज़ की दुनिया '' कहानी में यह समझाने की एक छोटी सी कोशिश की है कि जीवन में सब कुछ कागज़ यानी पैसा ही सब कुछ नहीं है। यह सब जानते हैं कि पैसा हमारी आवश्कता को पुरा करने के लिए जरूरी है। लेकिन पैसा से हम, खुशियां, इज़्ज़त, प्यार और मिलाप को नहीं खरीद सकते। लेकिन यह सब कुछ जानते हुए भी इन्सानी दुनिया में सब कुछ पैसा ही बना रखा है। जिसके पास पैसा है। उनसे रिश्ते रखें जाते हैं। जिनके पास पैसा नहीं उसे कोई अपने घर में बुलाना भी पसंद नहीं करता। पहले घर कच्चे थे । लेकिन रिश्ते पक्के थे। अब घर पक्के हो गए। रिश्ते उतने ही कच्चे हो गए। पहले जब घर कच्चे थे । तो लोग एक दूसरे से प्यार, मिलाप और रिश्तों गहरे थे। लोग पैसे से नहीं इन्सानों से प्यार करते थे। एक दुसरे के काम आते थे। एक दुसरे से गहरी सांझ रखते थे। लेकिन आज कल लोग इन्सानों से नहीं पैसे से ज्यादा सांझ रखते हैं। दिन रात पैसा कमाने में लगे रहते हैं। कई लोग तो जल्दी पैसा कमाने के लिए ग़लत रास्तो जैसे घर में शराब निकाल कर बेंच रहे हैं। यह जानते हुए भी कि यह गैरकानूनी है लेकिन फिर भी जल्दी पैसा कमाने के लिए उन्हें इस बात का भी डर नहीं है। कोई चोरियां कर रहा है। कोई ड्र्ग्स बेंच रहा है। तो कोई पैसों के लिए किसी को मार रहा है। यह सब ग़लत है। जो लोग ऐसे ग़लत रास्तो पर चलकर, या किसी को नुक्सान पहुंचकर पैसा कमाने से हम कभी खुश नहीं रह सकते। ग़लत तरीके से कमाया पैसा हमें सिर्फ खाई में धकेलता है। या फिर हमें बड़ी मुश्किलों में डालता है। जब हमें इस दुनिया से जाते है तो हम अपने साथ कुछ भी नहीं लेकर जा सकतें। अगर हमारे साथ जाएगा तो लोगों का प्यार, विश्वास और कुछ नहीं। तो हमें समझना चाहिए कि पैसा ही सब कुछ नहीं है। हमारे मरने के बाद हमारा यहां कुछ नहीं रहता। अगर हमारे मरने के बाद जिंदा रहता है तो हमारे द्वारा किए अच्छे काम, अच्छे कर्म। तो आज से हम अच्छे कर्म करेंगे। था कि हमारे मरने के बाद भी लोग हमारे द्वारा किए अच्छे कामों को याद करेंगे। मेहनत और लगन से पैसा कमाकर खुश रहेंगे। अपनी आंखों से पैसों की पट्टी हटाकर देखें कि जिंदगी कितनी खूबसूरत है।
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