1
बुढ़ापा सदा
अनुभव की खान
सीख है देता ।
2
अकेला बूढ़ा
बैठ खाँसता जाता
घर के द्वार ।
3
उम्र से हारा
दुर्बल निढाल बूढ़ा
बना बेचारा
4
सबको पाला
अब हुआ अकेला
बची ना आस ।
5
कुल रौशन,
करता है शोषण
है ना पोषण ।
6
पालक खोए
जीवन का मान,
रही ना शान ।
7
बारह बजे
नाश्ता तक ना सजे
पेट सिकुड़े ।
8
रखे ना ध्यान
ये लाडली संतान
मारे है बान ।
9
तन है रोगी
जीवन बना जोगी
किस्मत खोई ।
10
माँगें सबकी
सदा ही की थी पूरी
अब अधूरी ।
11
ऐनक टूटी
बनवाता न कोई
आँखें हैं फूटीं ।
12
दवा खतम
अब ढेरों सितम
सताए तन
13
बूढ़ी हड्डियाँ
अब बनी बेजान
घटी है शान ।
14
नहीं काम के
दिन भर चरते
टोका करते ।
15
बुढ़ापा आया
जीभ बनी चटोरी
शर्म न रही ।
16
स्कूल है जाना
मुन्ने को लेते आना
मिलेगा खाना ।
17
लिखते सब
पराया बना घर
बिछा बाहर ।
18
मौत क्या माँगो
वो भी नहीं सुनती
कष्ट दिलाती ।
19
बनते बूढ़ा
जीवन बना कूड़ा
हुआ अधूरा ।