कार्यकुशलता सफलता में सहायक है।
हम निज विचारों से ही निज व्यक्तित्व निर्मित करते हैं। यदि हम अपने विचारों को सृजनात्मक व स्फूर्तिमय बना लें तो इससे हम अपना ही निर्माण करेंगे।हमारी इच्छाएं, आवश्यकताएं, भावनाएं और आर्दश हमारे विचार ही तो हैं।विचारों के संयम से ही व्यक्त्वि का संयम होता है। हमारे विचारों की समृद्धि व प्रखरता ही हमारे