बुढ़ापा
1बुढ़ापा सदाअनुभव की खानसीख है देता ।2अकेला बूढ़ाबैठ खाँसता जाताघर के द्वार ।3उम्र से हारादुर्बल निढाल बूढ़ाबना बेचारा4सबको पालाअब हुआ अकेलाबची ना आस ।5कुल रौशन,करता है शोषणहै ना पोषण ।6पालक खोएजीवन का मान,रही ना शान ।7बारह बजेनाश्ता तक ना सजेपेट सिकुड़े ।8रखे ना ध्यानये लाडली संतानमारे है बान ।9तन