7 अगस्त 2022
#जय_बुंदेली_साहित्य_समूह #बुंदेली दोहा बिषय- #बतकाव सबइ जगत्तर जानतइ , बुंदेली बतकाव | लगै रसीले आम-सो , #राना सबखौ भाव || जौ अपने बतकाव से , सबखौ लेतइ जीत | #राना ऊकै पास से , दूर
15 नवम्बर 2021
बुंदेली दोहा *बिषय-बराई* *1* कछू बराई चौख लो चबा चबा के दांत।
बुंदेली दोहा *बिषय-बराई*
*1*
कछू बराई चौख लो
चबा चबा के दांत।