#जय_बुंदेली_साहित्य_समूह
#बुंदेली दोहा बिषय- #बतकाव
सबइ जगत्तर जानतइ , बुंदेली बतकाव |
लगै रसीले आम-सो , #राना सबखौ भाव ||
जौ अपने बतकाव से , सबखौ लेतइ जीत |
#राना ऊकै पास से , दूर न भगतइ मीत ||
जौ अपने बतकाव से , लेत खुपड़िया चाँट |
#राना चुप रइयौ उतै , चपा ज्ञान कौ बाँट ||
अगर तुमै बतकाव में , सामें लगबें खोट |
#राना बचकै आइयों , लग न पावै चोट ||
नेता भी #राना तकैं, गड़बड़ सब बतकाव |
काँव -काँव करतइ रयै , मचा खाव पै खाव ||
***दिनांक-6-8-2022
*© #राजीव_नामदेव #राना_लिधौरी #टीकमगढ़
संपादक ‘आकांक्षा’ पत्रिका
जिलाध्यक्ष-म.प्र लेखक संघ,टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़ (म.प्र.)
पिनः472001 मोबाइल-9893520965
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