बुंदेली में नवरचित दोहे दोहाकार- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़ (मप्र)) भारत
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<p>बुंदेली दोहा *बिषय-बराई*</p> <p><br></p> <p>*1*</p> <p>कछू बराई चौख लो</p> <p>चबा चबा के दांत।</p
<p>*बिषय-अत्त*</p> <p>*1*</p> <p>अत्त करे हलके कभी,</p> <p>छमा करो श्रीमान।</p> <p>अगर बडे से होय तो
<p>*बुंदेली दोहे-*</p> <p>*बिषय-भडया*</p> <p>*1*<br> <br> भडू भडयाइ खों फिरे,<br> <br> लुका लेत जो च
<p>*बुंदेली दोहा* </p> <p><br></p> <p>*बिषय-ऐबी*</p> <p><br></p> <p>*1*</p> <p><br></p> <p>ऐबी
<p>*बुंदेली दोहा बिषय- पेरा*</p> <p><br></p> <p>पेरा पीरे जब परे , </p> <p>केशर पिस्ता पास।</p>
<p>*बुंदेली दोहा बिषय- कमरा*</p> <p>***</p> <p>कमरा में कमरा लये,</p> <p> कुकरे डरे किशोर।</p>
राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़ संपादक "आकांक्षा" पत्रिकासंपादक- 'अनुश्रुति' त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिकाजिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़अध्यक्ष..
*बुंदेली दोहा बिषय- गुदना*गुदनारी गुदना गुदे,गोरी के ही गाल।गोला गरे बना रई,गोरी भई गुलाल।।***16-5-2022*© राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़* संपादक- "आकांक्षा"
#जय_बुंदेली_साहित्य_समूह #बुंदेली दोहा बिषय- #बतकाव सबइ जगत्तर जानतइ , बुंदेली बतकाव | लगै रसीले आम-सो , #राना सबखौ भाव || जौ अपने बतकाव से , सबखौ लेतइ जीत | #राना ऊकै पास से , दूर
बुन्देली दोहा -बिषय- गडला*1*चलैं घुटुरअन जौन दिन , माई सबसे कात |मौड़ा ठाडौ निग चलै , #राना गडला लात |*2*गडला ढड़कत
*बुंदेली दोहा बिषय- अबेर (देर)**1*#राना नौनें काम पै , निगा लेइयौ फेर |हौवें भलौ गरीब कौ , करियौ नहीं अबेर ||*2*हान धरम की हौ जितै , ऊपर बारौ हेर |#राना
*बुन्देली दोहा बिषय-गड़इ**1*पैलें देखे लोग है , जब पंगत खौ जात |पानू पीवें खौ गड़इ , घर से #राना लात ||
*बुंदेली दोहा दिवस पर विशेष* *विषय - श्री गनेश जी के पर्यायबाची शब्द प्रयुक्त दोहे* करैं थराई आप लौ , गौरी नंदन आज |आन बिराजौ म
*बुंदेली दोहा विषय - तरी*तरी लैन बै आयतै , भुन्सारे से आज | #राना है कीकी तरफ, कितै समारै काज || लैबें&nb
*#बुंदेली_दोहा विषय - #गुनताड़ौ (उधेड़बुन )* गुनताड़ौ सब गवँ निपुर , #राना दैखत हाल |तनबै बारन की दिखत , अब लूली है चाल ||गुनताड़ौ जाँदा &nbs
#बुंदेली दोहा विषय - #राम* #राना शुभ दिन आज है , करौ राम कौ जाप |जन्मभूमि खौं पूज लौ, मिटा सबइ संताप || रामलला मंदिर बनौ , #राना आलीशान
*बुंदेली दोहा -छला (सादा अँगूठी )* बन्न-बन्न कै अब छला,दिखबै में आ जात।सबइ धात कै है मिलत,#राना खूब पुसात।।लैकै गय मुँदरी छला,वीर बली हनुमान।'राना'सौपौं माइ खौं,करकै प्रभु गुनगान।।पंच नखा प
*बुंदेली दोहा- छरक (अरुचि, घृणा )*#राना राखौ तुम छरक ,लबरा जितै दिखाँय।चुगलन जैसे काम कर ,सबरन खौं भरमाँय।।#राना मोरी बात खौं ,तनिक समझियौ आप।बिच्छू सैं लैतइ छरक, कौन लैत है चाप।।उनसे भी हौतइ&nb
बुंदेली दोहा- विषय -खाँगे (विकलांग)*खाँगे हौ गय युद्ध में,#राना सुने कमाल।दुश्मन छाती चीर कै,सैनिक आये हाल।।बिना बिचारै निग गयै,गैल देख नँइँ पाइ।खाँगे हौ गय पाँव सै,#राना
#अप्रतियोगी_दोहा*बुंदेली दोहा- #तिगैला* जितै तिगैला जब मिलै,#राना कर ठहराव।दुर्घटना भी नँइँ घटै,अपनौ करौ बचाव।।वाहन दौरत आजकल ,#राना सूँटै जात। नँईं तिगैला देखतइ ,आपस
*हिंदी दोहे विषय -पीपर* #राना पीपर देख कैं,झुका लैत है शीष।मानत मन से देव है,श्रृद्धा से जगदीश।।पीपर के पत्ता लखौ,#राना शुभ आकार।नाड़ी रेखा देह की,दिखतीं अपरम्पार।।पीपर पूजत सब
*बुंदेली दोहा - कुर्ता*छोटो कुर्ता अब चलो,कछु कसको भी हौत।लरका ब्याय बरात में,#राना धाँदत भौत।।#राना अपने ब्याय में, कुर्ता गोटेदार।घोड़ा पै जब हम चढ़े,लटका लइ तलवार।।#रा
*बुंदेली दोहा - जैबौ/जै लौ (भोजन करना)*'राना' जैबौ गय करन,मिलौ नेवतौ एक।सबने खातन में करीं,बातें घरू अनेक।।घर कौ जैबौ है सुखद,*राना* रोटी दाल।पर जब हौबे बायरै,पेट बिगारे
*बुन्देली दोहा - चिट (चोट का निशान)*#राना चिट बन जात है,लग जाबै जब चोट।खुलै जगाँ पै है दिखत,तन में लगबें खोट।।बड़ौ घाव जब सूखतइ,चिट को बनत निशान।हल्को कारौ हौत है,#राना रत पैचान।।हलकै में ऊदम
*बुन्देली दोहा विषय - चिरैया* छोटे पंखन से उड़े,सदा चिरैया डाल।#राना दाना चुग चले,होती रहे निहाल।।जहाँ चिरैया उड़ चले,अपने पंख पसार।भुन्सारे से ही दिखे,#राना मुझे निखार।।नईं चिरैया ज