"तुम दिन को दिन कह दोगे, तो रात को हम दोहरायेंगे" आज वही रात अलग होकर नाइट कर्फ्यू बनी। इस गाने की वजह से किसी ज्ञानी मानव ने उपरोक्त गाने के बोल को समझा और नाइट कर्फ्यू को भी कोरोना कर्फ्यू बना दिया। जिसमे मानव के हालात, जज़्बात सब स्थिरता की ओर कदम बढ़ाए हुए है। कोरोना वक्त बे वक्त उन्ही हालात और जज
कर्फ्यू में दिनचर्या इस रविवार जनता कर्फ्यू लगा दिया गया है. जाहिर है अब बाहर जाना तो मुश्किल है. मुश्किल क्या नामुमकिन ही है. तो अब फिर यार दोस्तों की सन्डे की गप्प गोष्ठी तो ठप्प हो गई. अब सीनियर सिटिज़न घर में रहकर घरवाली से कितना बतिया लेंगे वो तो आप जानते ही हैं. चलि