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दर्द-ए-शिवा

29 अक्टूबर 2021

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फिर से मेरे दिल के जख़्मों को हरा कर गई,
इस बार वो नहीं उसकी तस्वीर खता कर गई।
                                                 - शिवाकर विद्यार्थी
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रचनाएँ
दर्द-ए-शिवा
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सुना है कि मोहब्बत की राहों में मुसाफ़िर तो बहुत हैं, लेकिन मंज़िल तक कुछ ही पहुंचते हैं। ऐसे में उनके दर्द और एहसास को आप तक पहुंचाने की छोटी सी कोशिश। दर्द-ए-शिवा

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