भाया भी जागो, बहिणा भी जागो
जागो सगऴा हिन्दुस्तान रे
कब तक अंखियां मूदोगे
म्हारा देश टुटता ज्यों र
म्हारा वतन टुटता ज्यों र
खुदगर्जी का बहरूपिया
और खुदमर्जी का रंगरूपिया
भाया ... देश में डाकी आयो र
देश में डाकी आयो र
मीठी चुपड़ी बातां सूं , भला मानुष ठग लायो र
अंखियां पै जग न बिठलायो, हिबड़ खुब लगायो र
टका बंदी पै जनता मर सूं, अंखियां आंसू ना टट्पो र
होशियारी की अति होय सूं, भाया अब तो जागो र ...
भाया भी जागो बहिणा भी जागो......
देश में डाकी आयो र........
सुथरा दिन की बातां सूं , भाया खुब जितायो र
फिर म्हारी जनता पै ही, गब्बर टैक्स लगाओ र
चांद भी निगल्यां,सूरज भी निगल्यां,हम ना बोल्यो र
अतिचार की अति होयं सूं भाया अब तो जागो र
भाया भी जागो बहिणा भी जागो......
देश में डाकी आयो र........
महाजन मारां, रावत मारां, सच्चा कोई न बोल्यो र
पुलवामा पै हमले को भी , गोलमोल कर गायो र
हलाहली नाग सूं बैठा , भाया सच कोई न भायो र
हत्याचार की अति होयं सूं, भाया अब तो जागो र
भाया भी जागो बहिणा भी जागो......
देश में डाकी आयो र........
दक्षिण सूं पूर्व का डाला ,उत्तर सूं पश्चिम का प्याला
विष घोला फिर चहुंओर, ये मति का अन्धा लाला
लोकपाल की, काले धन की , बातें हो गई हाला
पावर तंत्र की अति होयं सूं, भाया अब तो जागो र
भाया भी जागो बहिणा भी जागो......
देश में डाकी आयो र........
सगळा जन न सहन किया पर अब ना सहन होवं र
भारत मां कि अंखियां पै , जब साहूकार रा कब्जा र
रक्त हिंडोले मर रहा अब , चौकीवाला चौर रहा र
सूटबूट की अति होयं सूं भाया अब तो जागो र
भाया भी जागो बहिणा भी जागो......
देश में डाकी आयो र........