धन्वन्तरीत्रयोदशीॐ नमो भगवते महासुदर्शनायवासुदेवाय धन्वन्तरयेअमृतकलशहस्ताय सर्वभयविनाशायसर्वरोगनिवारणाय |त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्रीमहाविष्णुस्वरूपायश्री धन्वन्तरीस्वरूपायश्रीश्रीश्री औषधचक्राय नारायणाय नमः ||ॐ नमो भगवते धन्वन्तरयेअमृतकलशहस्ताय सर्व आमयविनाशनाय त्रिलोकनाथायश्रीमहाविष्णुवे नम: ||कर
धनतेरस - धन्वन्तरी त्रयोदशीआजधनतेरस है – यानी देवताओं के वैद्य धन्वन्तरी की जयन्ती – धन्वन्तरी त्रयोदशी | प्राचीनकाल में इस पर्व को इसी नाम से मनाते थे | कालान्तर में धन्वन्तरी का केवल “धन”शेष रह गया और इसे जोड़ दिया गया धन सम्पत्ति के साथ, स्वर्णाभूषणों के साथ | पहलेक
“स्वास्थ्य सबसे बड़ा उपहारहै |” – गौतम बुद्ध सत्य है – स्वास्थ्य से बड़ाऔर कोई धन हो ही नहीं सकता | स्वास्थ्य उत्तम होगा तो हमारे विचार भी उत्तम बनेंगे, क्योंकि उत्तम स्वास्थ्य ही उत्तम मस्तिष्कका घर होता है ऐसा महापुरुषों ने कहा है और हम सभी ने अपने अनुभवों से इसे जाना भीहै | हमारा शरीर स्वस्थ रहेगा