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ध्यान

13 फरवरी 2024

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स्वर्णिम सूर्य की किरणों में, जा आप खोये,
अपने भीतर की शांति में,  जीवन को पाएं।
संवेदना की लहरों में, साहस से रहें खड़े,
विचारों के आकाश में, ऊंचाई पर जा उड़े।

अविरल धारा भावना,जीवन बहाती जाए,
चिंतन में रमण कर, हम सच्चे मोती पायें।
चिंता के बादल छोड़,अनंत छवि नभ देखें,
तलाश अपना प्रतिबिंब,सुखी भविष्य पेखें। 

ध्यान में जा सभी,संयम ,शक्ति प्राप्त करें,
आत्म-ज्ञान प्राप्ति से, खुद का विकास करें
ध्यान में   है,जीवन विचार शुद्धता,का सार 
प्रकृति के साथ मिल,विश्व को करें एकाकार।

सोचें ध्यान में जा, व्यक्ति उपलब्धि सारी,
संसार को बदल, करें विकास चमत्कारी।
ध्यानशक्ति से जुड़ ,जगाएं नये आयाम,
सच्चे सुख और समृद्धि से,दें सभी आराम।

ध्यान लगा मन,सुखी बनाएं दिन और रात,
जगाएं नव-जीवन को,बढ़ाएं प्रेम सौगात।
ध्यानी उन्मुखीशक्ति से, हो जगत शानदार,
ध्यान में अद्भुत शक्ति,समझें इसे साभार।

ध्यान के तीर से लगाएं, नेतृत्व की आस ,
ध्यान से ही तपते मन की, बुझाएं प्यास।
ध्यान से चले अनंत रास्ते,जीवन के सफर,
ध्यान से दें विचारों को, दिशा ,नयी डगर।

ध्यान की गहराई में मिले,आत्मानमोल रत्न, पाएं चरम अभिलाषा फल कर सच्चे यत्न
ध्यान के उजियारे में, बढ़े आत्मा की ऊंचाई,
जागें सत्य और शक्ति,तप्त हृदय सच्चाई ।

ध्यान महत्ता समझ,आत्मा शक्ति अद्भुत ,
जीवन को बदले ध्यानी,उदार व विश्वस्त।
ध्यानी सार्थक शिक्षा से,पाएं अनंत आधार,
सत्य मार्ग पर चल,जगाएं आलोक  अपार ।
              स्वरचित चन्द्रप्रकाश गुप्ता


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