हिंदी है हम हिंदुस्तान हमारा सारे जहाँ से प्यारा ।।
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पाया था मैंने यहीं कहीं पर यहीं पर उसेअब खो रहा हूँ मैं !!हर रिश्ता मुझेबोझ लगने लगाजाने क्यूँ उसेअब ढो रहा हूँ मैं !!मेरे हृदय से यूँ हीशेष हो रहा प्रेम हैबेरुखी- नफ़रत हीअब बो रहा हूँ मैं !!सुख की घड़ियाँबीती हुयी बात हैअब तो मनमौजी बस रो र