--------Don't Judge a book by it's cover --------
( बाहरी दिखावे से किसी के व्यक्तित्व का अंदाजा न लगाएं)
जी हां, केवल इस आधार पर की सामने से देखने पर कोई व्यक्ति या वस्तु कैसी है, मैंने लोगों को उनके बारे में धारणाएं बनाते देखा है, कई बार मुझे बहुत तकलीफ़ सी होती है जब मैं लोगों को सामने वाले इंसान को सिर्फ़ इसलिए गलत, बेवकूफ या गधा समझते हुए देखती हूं क्योंकि वो आपको दिखने में ऐसा लग रहा है, या फिर उसने आज के फैशन के हिसाब से कपड़े नहीं पहने, मैंने देखा है कि कैसे कोई व्यक्ति किसी अगले व्यक्ति को उसके रंग, कद और हैसियत के हिसाब से कितने आसानी से नीचा दिखा जाता हैं, मैं ऐसे लोगों से सिर्फ ये जानना चाहती हूं कि किसने दिया आपको ये हक ???
क्या अगर कोई व्यक्ति रंग, कद और हैसियत में किसी से कम है तो यह उसका चुनाव है??
रंग , कद और जन्म तो ईश्वर की देन है फिर इन चीजों के लिए उस इंसान से इतनी घृणा?? क्यों???
हां, मैंने, मैंने देखा ऐसे बहुत से लोगों को जो ऊपर से देखने में जितने ही शांत हो, अन्दर बहुत शोर है उनके। मैंने देखा बहुत से ऐसे लोगों को हमारे देश और समाज को आगे बढ़ाते जिनके रंग और कद को ये दुनिया मजाक बनाती है, समाज और देश को सर्मसार करने वाले ऐसों को भी देखा है जिनको सिर्फ रंग, कद के आधार पर ये समाज महान समझता है। बहुत से गरीब परिवार के बच्चों को मेहनत करके आगे बढ़ाते हुए और बहुत से नवाबजादों को आराम फरमाते हुए नीचे गिरते भी देखा-सुना है। बहुत से छोटे दिल वाले करोड़पतियों के किस्से सुने हैं और बहुत से बड़े दिल वाले गरीब भी देखें हैं। सरीफ दिखने वाले मुजरिमों के भी कारनामे सुने हैं और मुजरिम दिखने वाले सरीफों की भी कहानियां सुनी है। बेवकूफ दिखने वाले विद्वानों और विद्वान दिखने वाले बेवकूफों से भी मिली हूं।
इसलिए, एक अच्छे समाज के निर्माण के लिए सिर्फ दिखावे के आधार पर लोगों का आकलन करना बंद करें और इंसान के असली व्यक्तित्व को पहचानने की कोशिश करें।🙏