साहिल की चमकती रेत जैसे,
ज़िन्दगी में भरे थे सुनहरे ख्वाब वैसे !
एक तूफ़ां की तरह जो उनका आना हुआ,
मेरी मोहब्बत का एक अनजान ठिकाना हुआ !
कर बैठे भरोसा जो साहिल पर भी तूफा से हम,
ज़िन्दगी का तब हमसे भी एक अच्छा बहाना हुआ !
उड़ गईं सारी ख्वाहिशे और बह गए अरमा दिल के,
जिंदगी की कश्ती का भी तब ही डूब जाना हुआ !!