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डूबती कश्ती

3 सितम्बर 2021

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साहिल की चमकती रेत जैसे,
ज़िन्दगी में भरे थे सुनहरे ख्वाब वैसे !

एक तूफ़ां की तरह जो उनका आना हुआ,
मेरी मोहब्बत का एक अनजान ठिकाना हुआ !

कर बैठे भरोसा जो साहिल पर भी तूफा से हम,
ज़िन्दगी का तब हमसे भी एक अच्छा बहाना हुआ !

उड़ गईं सारी ख्वाहिशे और बह गए अरमा दिल के,
जिंदगी की कश्ती का भी तब ही डूब जाना हुआ !!

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