राधे कृष्ण की सुंदर छवि, जो मैंने मन में बसाई है,
कैसे तुमको मैं बतलाऊं, क्या मेरे मन मे समाई है !
सांवला सा कृष्ण कन्हैया, अधर पे मुरली बजाई है,
प्यारी है गोरी राधा रानी, माथ पे बिंदिया सजाई है !
मोर मुकुट माथे पे साजे, वो पीला पटका बांधे है,
राधा मेरी प्यारी-प्यारी, जो लाल चुनरिया डाले है !
माखन चोरी करता कृष्ण, गागर को वो फोड़े है,
राधा है गोपियन की रानी, कृष्ण से मन को जोड़े है !
नटखट सा है कान्हा मेरा, हरदम सबको सताए है,
राधा वो वृषभानु दुलारी, जो सबको राह दिखाए है !!