2 अगस्त 2021
बेसाख्ता तेरा नाम क्या आ गया जुबां पे सुबह-सबेरे
आज दिन भर एक दर्जन गीत लिखे हैं नाम पर तेरे।
--श्रीधर
1 फ़ॉलोअर्स
D
बेसाख्ता तेरा नाम क्या आ गया जुबां पे सुबह-सबेरेआज दिन भर एक दर्जन गीत लिखे हैं नाम पर तेरे।--श्रीधर
अब कहां रह गई फुरसतें जमाने को जीने की,तिजारती रिश्तों के बीच कहां कद्र है सीने की। ---श्रीधर
<p><strong>रोज आया-जाया करते हो आंगन तक मेरे,</strong></p> <p><strong>कभी मेरे घर पे ठहरो तो कहें।</