डीएलएस एल्डर सपोर्ट सर्विसेज की वेबसाइट अब नये अवतार में प्रस्तुत है। अब आप अपनी इसी वेबसाइट पर रेडियो सुन सकते हैं, टीवी चैनल देख सकते है, मेडिकल इमरजेन्सी के लिये फण्ड पा सकते है, ब्लाग लिख सकते हैं, सीनियर सिटिजन सम्बन्धी सेवायें पा सकते है। इसके अलावा और भी बहुत कुछ। आज ही विजिट करें। मित्रों परिचितों को भी इसके विषय में बतायें।
वरिष्ठ नागरिकों की सेवा और आवश्यकता को समर्पित सामाजिक अभियान
लेखक: श्री दिनेश कुमार, मुख्य कार्यकारी, डीएलएस एल्डर सपोर्ट सर्विसेज़
भारत के दो टीयर और तीन टियर शहरों में वरिष्ठ नागरिकों को मेडिकल एवं केयर सेवाओं के लिए एक विश्वसनीय सेवा डीएलएस एल्डर सपोर्ट सर्विसेज के नाम से उपलब्ध है। यह एक सामाजिक उपक्रम है, जो सेवा भाव और जनकल्याण पर आधारित है। यह एक अभियान है, जो प्रत्येक वरिष्ठ नागरिक को चाहे वह महिला हो या पुरूष हो, को सम्मान जनक स्वस्थ जीवन प्रसन्नता के साथ जीने की परिस्थितियाँ बनायेगा। इस काम में हमें वरिष्ठ नागरिकों के सक्रिय सहयोग की आवश्यकता होगी। तभी इस अभियान को प्रभावी रूप से आगे बढ़ाया जा सकेगा। आपने महिला सशक्तिकरण, दलित सशक्तिकरण के विषय में जरूर सुना होगा।
यह बडी विडम्बना है कि जिस देश में महिला सशक्तिकरण पर बढ़ चढ़ कर बातें की जाती हैं, वहीं एक कडवी सच्चाई यह भी है जिसे हमें ईमानदारी से मानना होगा। यह सच्चाई है कि आज घर घर में माँ की दुर्दशा हो रही है, वह भी ऐसी माँएं जो साठ वर्ष या अधिक आयु की हैं। एक तरफ तो हमारे देश मे माँ को भगवान की तरह पूजा जाता है। वही हम जिसको माँ कहते हैं उसकी दुर्दशा करने से बिल्कुल भी नहीं हिचकते हैं। उदाहरण सामने है, गँगा, यमुना, सरयू, कावेरी, नर्मदा को हम माँ मानते हैं परन्तु इन माँओं की क्या दुर्दशा कर रखी है। हर दो घर छोड कर एक घर में माँ सिसकियां ले रही है। हमें इन परिस्थितियों को बदलने के लिए कठिन प्रयास करने होंगे। हम लायक बच्चों का आवाहन करते हैं कि आगे आइए, अपना हांथ आगे बढ़ाइये, हम सब मिलकर घर घर सताई जा रही माँओं को वर्तमान परिस्थितियों से मुक्त कर उनके लिये सम्मानजनक जीवन जीने की स्थितियां बनायें और प्रत्येक माँ के चेहरे पर हँसी और प्रसन्नता का भाव दिखना चाहिये। केवल माँ ही नहीं प्रत्येक पिता के चेहरे पर भी सन्तुष्टि का भाव दिखना चाहिये। हमारे देश में जहां एक ओर वरिष्ठ नागरिकों की जनसंख्या बढ़ रही है। वहीं दूसरी ओर वरिष्ठ नागरिकों के लिए जीने की स्थितियां दिन प्रति दिन कठिन होती जा रही हैं। अधिकतर साठ वर्ष के ऊपर के पुरूष महिलायें अपने ही घर में उपेक्षित और एकाकी जीवन जीने को मजबूर हैं। खराब जीवन जीने की स्थितियां, उचित देखभाल का अभाव, आर्थिक अभाव, चिकित्सा सेवाओं की अनुपलब्धता या अन्य स्थानीय समस्याओं से आज हमारे वरिष्ठ नागरिक जूझ रहे हैं। इन परिस्थितियों से बाहर लाकर इन्हे सम्माजनक जीवन जीने की स्थितियां क्या नहीं बनाई जा सकती? निश्चित रूप से हम सब मिल कर ऐसा कर सकते हैं। ऐसे सभी लोग चाहे वे किसी भी वर्ग के हों, किसी भी आयु के हों, किसी भी जाति के हों, किसी भी क्षेत्र के हों, किसी भी लिंग के हों, यदि आप माँओं के चेहरे पर मुस्कुराहट देखना चाहते हैं, यदि आप प्रत्येक बड़े बूढ़ों को सम्मानजनक अच्छा जीवन जीने की स्थितियां देने के पक्षधर हैं तो आइये अपने को वालेन्टियर के रूप में समर्पित कीजिये और इस महान कार्य मे अपनी भूमिका सुनिश्चित कीजिये। वालेंटियर बनने की इच्छा आप कमेंट के माध्यम से व्यक्त कर सकते हैं। Updated on 1 July 2020