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फिल्म एक नजर में : सिविल वॉर : कैप्टन अमेरिका .

9 मई 2016

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यह साल पूरी तरह से सुपरहीरोज के नाम ही रहा , डीसी मार्वल के दो बड़े बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट्स इसी साल रिलीज हुए जिनमे डीसी और मार्वल यूनिवर्स के प्रमुख सुपरहीरोज के टकराव को केन्द्रित किया गया l

डीसी की बैटमैन वर्सेज सुपरमैन से जैसी उम्मीद थी वैसी नहीं निकली किन्तु सिविल वॉर उम्मीदों पर बिलकुल खरी उतरी l वजह है दोनों का ट्रीटमेंट ,सिविल वॉर भी मार्वल की अन्य फिल्मो के मुकाबले डार्क ही है लेकिन हलके फुल्के क्षणों को समेटे हुयी है ,लेकिन डीसी की मूवी में यह सब नदारद था और हद से ज्यादा फिल्म डार्क टोन लिए हुए थी ,

उस फिल्म का सबसे कमजोर पॉइंट था बैटमैन और सुपरमैन की टकराव की वजह ,जो तर्कपूर्ण नहीं थी l तो वही सिविल वॉर में यह वजह तर्कपूर्ण भले न हो लेकिन मजबूत जरूर है l

बात करते है कहानी की , सालो पहले मार्वल कॉमिक्स में एक सीरिज आई थी ‘’सिविल वॉर ‘’ जो काफी सफल रही थी , उसकी कहानी थी सुपरहीरोज की अतिशक्तियो के कारण होनेवाली तबाही से सामान्य जनता का चिंतित होना जिसके कारण एक नया कानून पारित होता है और सुरक्षा के मद्देनजर सभी सुपरहीरोज को अपनी पहचान सरकार के सामने जाहिर करना अनिवार्य था , और उनकी संस्था पर सरकार का नियन्त्रण होगा l  और जिस हीरो को यह प्रस्ताव मान्य नहीं उसे अपराधी घोषित कर दिया जायेगा , अब आधे हीरोज इस कानून के समर्थन में होते है और आधे इसके खिलाफ में , सुपरहीरोज का दल दो खेमो में बंट जाता है जिसकी अगुवाई स्टीव रोजर्स ( कैप्टन अमेरिका ) और टोनी स्टार्क ( आयरन मैन ) करते है , और फिर इनमे होता है टकराव जिसका नतीजा बेहद विध्वंसकारी होता है .

यह थी कॉमिक्स की कहानी ,इसी कहानी को फिल्म का आधार बनाया गया था l लेकिन फिल्म के हिसाब से इसमें काफी बदलाव किये गए और एक यूनिक कहानी बना कर प्रस्तुत की गयी l

कहानी की शुरुवात होती है ऐसे ही एक कानून से जो सुपरहीरोज को सरकारी नियन्त्रण का समर्थन करती है , टोनी इसका समर्थन करता है क्योकि वह सोकोविया की तबाही को भूला नहीं है , अल्ट्रोन को बनाने की गलती का खामियाजा सोकोविया के लोगो को चुकाना पड़ा था l जहा बचाव में भी सैकड़ो जाने गयी जान माल का नुकसान हुवा l  ( अवेंजर्स 2 : एज ऑफ़ अल्ट्रोन )

तो वही शील्ड की आड़ में हाईड्रा का उभरना और जाने अनजाने में कैप्टन का समर्थन ,फिर शील्ड की तबाही के दरम्यान भी आम जनो का होता नुकसान ( कैप्टन अमेरिका 2 : विंटर सोल्जर )

ऐसी हुयी हर तबाही का कारण कही न कही यह सुपरहीरोज रहे है l इसलिए जनता में इनके प्रति डर है ,और एक मिशन के दरम्यान कैप्टन और स्कारलेट की गलती के कारण मची तबाही के कारण इस तर्क को बल मिलता है और सरकार उनकी शक्तियों और संगठन पर नियन्त्रण कसने के लिए कानून लाता है l टोनी इसका समर्थन करता है लेकिन कैप्टन इसका विरोध करता है ,उसका मानना है के अवेंजर्स की शक्तियों पर सरकार का नियन्त्रण मतलब राजनैतिक कठपुतली बनना है जो बदलती सरकारों के हिसाब से उनके हित के लिए उपयोग में लाये जायेंगे l

यह शुरुवात थी रोजर और स्टार्क के रिश्तो में बढती कडवाहट की l जिसकी आग में घी का काम किया विंटर सोल्जर उर्फ़ बकी ने ,प्रिंस ‘टी चला ‘ के पिता की हत्या के आरोप में वह फरार है और उसके पीछे स्टार्क टीम तो लगी ही है ,साथ ही में टी चाला उर्फ़ ‘ब्लैक पैंथर ‘ भी बकी के खून का प्यासा है l

कैप्टन बकी के बचाव में है क्योकि उसका मानना है के ये सारे अपराध बकी की आड़ में कोई और कर रहा है l  अब कैप्टन भी फरार अपराधी घोषित हो चूका है जिसकी तलाश टोनी उर्फ़ आयरन मैन को है l टोनी के साथ जहा विजन , स्पाईडर मैन ,नताशा उर्फ़ ब्लैक विडो ,ब्लैक पैंथर ,वॉर मशीन इत्यादि है तो कैप्टन की सहायता के लिए भी , बकी ,एंट मैन ,स्कारलेट विच ,हॉक आई , फाल्कन है l

फिर क्या होता है यह फिल्म में ही देखना रोमांचक होगा .

फिल्म लगभग सवा दो घंटे की है लेकिन कही भी धीमी नहीं लगती l पर्याप्त गति और तेजी से होती घटनाए फिल्म को रफ्तार देती है ,एक्शन सिक्वेंस भी भरपूर है , एंट मैन और स्पाइडर मैन मजेदार रहे है  l लेकिन स्पाइडर मैन का लुक काफी कार्टूनिश लगा , काफी चटख रंगो का प्रयोग हुवा है ,( भले ही यह क्लासिक लुक था लेकिन सोनी पिक्चर्स का अमेजिंग स्पाइडर का लुक सबसे बढ़िया लगता है ) , यह काफी कम उम्र का है ( जो के असल में भी है ) ,दूसरा एक चरित्र जिसने अभी केवल प्रवेश ही किया है लेकिन जबरदस्त उपस्थिति दर्ज करायी है ‘’प्रिंस टी चाला ‘’ यानी ब्लैक पैंथर l  इसकी फुर्ती ,लुक्स ,कॉस्टयूम देख कर तो मन खुश हो जाता है l ( सोलो फिल्म भी तो आनि है अभी ) l

इतने सारे हीरोज से पंगा लेनेवाला सुपरविलेन ही होगा , लेकिन नहीं यहाँ बात अलग है l वह क्या है ,यह फिल्म में ही देखे , एक्क्ष्ण सिक्वेंस शानदार है ,आप थ्रीडी में देखे या टूडी में ,कोई ख़ास फर्क नजर नहीं आएगा l

अंत में बकी और टोनी का एक बेहद डरावना कनेक्शन सामने आता है ,जिसके बाद टोनी भी अपनी सोचने समझने की शक्ति खो देता है l

पर्सनली मै कैप्टन का ही समर्थक रहा हु लेकिन फिल्म देखने के बाद मेरी हमदर्दी और समर्थन केवल टोनी को ही मिला ,कैप्टन अपने स्वभाव के विपरीत अधिक उग्र और नासमझ नजर आता है l

सुपरहीरोज के टकराव के यदि कारण खोजे जाए या पढ़े जाए तो कोई भी जबर्दस्त तार्किक कारण नजर नहीं आता l ऐसा लगता है मानो वे लड़ने पर ही उतारू है और सारे तर्क वितर्क बातचीत समझौते के बजाये केवल शक्ति प्रदर्शन पर ही विशवास करते है l

यह मामला ऐसा नहीं था के कैप्टन को कानून के खिलाफ जाना पड़ता ,यहाँ तो  बकी को निर्दोष साबित करने के बजाय मदद करके उसे घोषित अपराधी साबित करने पर ही तुले हुए लगते है ,क्या सुपरहीरोज की आपसी बॉन्डिंग इतनी कमजोर होती है के वे एकदूसरे की बात सुनने समझने के बजाय सीधे लड़ने पर उतारू हो जाये ? और लड़ाई भी मामूली नहीं बल्कि प्राणघातक वार ...

यह तो समझ से परे है , लेकिन दर्शको और फैन्स को यह लड़ाई तो इंजॉय ही करनी है l वही तो देखना है , और फिल्म देखने के बाद फैन और दर्शक की यह भूख शांत हो जाती है ,एक जबर्दस्त सुपर हीरो क्लैश ड्रामा जो बेहद सफल रहा और मार्वल की अब तक सबसे बेस्ट फिल्म भी बन गया l

देखने लायक तो है ही l वरुण धवन की डबिंग की वजह से फिल्म को हिंदी में नजरअंदाज करके अंग्रेजी में देखनी पड़ी ,

फाईव स्टार्स ( कॉमिक्स फैन और सुपरहीरो लवर की नजर से )


देवेन पाण्डेय .

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