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मोबाईल ले लो ,टैबलेट ले लो !

28 अप्रैल 2016

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कल्पना कीजिये !!! जिस तरह से आज घर घर सब्जी वाले या फेरीवाले अपना सामान बेचते है !

यदि ऐसा ही रहा तो वह दिन दूर नहीं जब हमें लैप्टॉप ,मोबाईल ,कम्प्यूटर भी घर पे मिलेंगे

वह भी भाव ताव के साथ ! आपकी पसंद होगी के आपको कौन सा गैजेट कौन से भाव में चाहिये ,

ईस डिजिटल क्रान्ति की वजह से बड़ी बड़ी कम्पनिया आपसी प्रतिस्पर्धा के चलते 

काफी कुछ समझौते कर लेगी

( वैसे भी हमने कुछ लोगो को मोबाईल्स ,टैब ,सडक पर बेचते देखा है ,मुंबई में यह नज़ारे आम मिल जायेंगे , )

कल्पना कीजिये एक ऐसा ही विक्रेता आपके घर आया है .

विक्रेता : मोबाईल ले लो ,टैबलेट ले लो ! किलो का माल पाँव के दाम में ले लो .

ग्राहक : ऐ भईया ! कौन कौन से टैबलेट है आपके पास ?

विक्रेता : साहब जी अभी फिलहाल तो ‘सिमसिंग ,इप्प्ल , लेच पी ‘ का है जी !

 फ्रेश माल है जी ताज़ी ताज़ी एकदम कल ही मंडी से उठाया है .

ग्राहक : अरे लेकिन यह मोडल तो पिछले महीने का है !

 और आप बता रहे हो कल ही उठाया है मंडी से .

विक्रेता : बाबूजी ,डिमांड है माल की इसलिए बिक रहा है ,यह ‘’लेच पी ‘’ 

ले लीजिये सस्ते में पड़ेगा .

ग्राहक : अच्छा दिखाओ .

विक्रेता अपनी टोकरी निचे करते हुये ,अब वह टोकरी में से लेच पी के टैब निकाल रहा है .

ग्राहक : अरे वह वाला मत दो , यह नया पेडी पैक वाला दिखाओ ,

विक्रेता : बाबूजी वह भी नया है ,अभी मोहल्ले में चार बहनों ने खरीदा है ,

खरीदारी में देखते वक्त बक्सवा तनिक मुड गया है .

ग्राहक : इसके फीचर क्या है ?

विक्रेता : साहब इसमें पांच मेगा पिक्सल का रियर  कैमरा ,दो मेगा पिक्सल फ्रंट ! 

एल इ डी फ्लैश के साथ ! अन्द्रोयिद का पचासवा संस्करण है जी इसमें ! 

डेढ़ गीगा हर्ट्स का फाईव कोर प्रोसेसर ,थ्रीडी एवं सुपर एमोलेड डिस्प्ले है जी ,

साथ इंच की कैपेसिटिव टच स्क्रीन ...औ

र भी बहुत कुछ .

ग्राहक : यह तो ‘सिमसिंग ‘ महागैलेक्सी टैब में भी मिल रहा है ! 

अभी तो कलुवा के ठेले से पड़ोस के जानकी बाबु ने ख़रीदा था कल .

विक्रेता : वह ससुरा मार्केट से  फालटी पीस उठा कर बेच देता है और कौनो गारंटी भी नहीं देता ! 

हम पुरे एक साल का गारंटी देता हु पेपर का साथ ,

और सिमसिंग का मार्किट अब कहा रहा बाबु ?

 ऊ तो बस अपना स्टाक खपा रहा है .

ग्राहक  : ‘लोकिया ‘ कितने में मिलेगा ?

विक्रेता : बाबु ‘लोकिया ‘ सस्ते में मिल जायेगा ! 

होलसेल भाव में है जी ,लेकिन उसमे वह बात नहीं है , 

पिछले महीने ही क्विंटल भर माल मंडी से उठाये थे ! आधी बिक्री भी नहीं हुयी ,

अगला आर्डर कैंसिल कर दिये है .

ग्राहक : बाते ना बनाओ भाई ! हम अच्छे से जानते है पिछली बार 

श्रीमती जी को सिमसिंग कह कर ‘’मिनी मैक्स ‘’चिपका दिये थे मंडी वाले .

विक्रेता : ऐसा खोटा काम हम नहीं करते बाबूजी ! आप तो हमें जानत हो ,

शाम को चौराहे की मंडी में ठेला लगावत है ! 

कौनो शिकायत मिले पिस में तो चले आईयेगा बदल कर मिल जायेगा .

ग्राहक : अच्छा ठीक है ‘लेच पी ‘ का भाव है ?

विक्रेता : पांच सौ सत्तर रूपये पर पिस साहब .

ग्राहक : अरे अभी परसों तक तो साढ़े तीन सौ में मिल रहा था बजार में .

विक्रेता : साहब परसों तक माल से बजार अटा पड़ा था ! 

किन्तु जमाखोरों ने आफत मचा रखी है , अब माल मुश्किल से मिलता है जी ,

जहा पहले तीन सौ में माल खरीद कर साढ़े तीन में बेचते थे अब पांच  सौ में खरीदी पड़ रही है ,

अब हम मुनाफा छोड़ डे तो कैसे चलेगा .

ग्राहक : अच्छा चलो आठ सौ लगा दो तो दो लेते है .

विक्रेता : सब आठ सौ में नहीं परवडेगा ! खरीदी भी नहीं निकल पाएगी ,

मुनाफा तो दूर की बात है .

ग्राहक : तब जाने दो भाई , करीम से ले लूँगा .

विक्रेता : करीम से नहीं ले पायेंगे उसने ईस बार ‘लेच पी ‘ का माल ही नहीं उठाया ! 

‘’कोर्बन –लोवा ‘ के माल उठा रहा है ,आप ले लीजिये जी वह बजट में पड़ेगा आपके ! 

लेकिन क्वालिटी माल की उम्मीद ना करे .

ग्राहक : अच्छा ठीक है ठीक कुछ तो भाव ताव करो भाई .

विक्रेता : साब धंदे का टाईम है इसलिए ज्यादा बहस नहीं करूँगा ! 

साठ रूपये कम दे दीजियेगा .कम से कम कमाई कुछ तो मिलेगी ,

अब ईस से कम नहीं होगा ,कहे तो दू नहीं तो अगले मोहल्ले में कई लोगो ने कहा है ‘लेच पी ‘ के लिये .

ग्राहक ( पैसे निकालते हुये ) : अच्छा ठीक है यह लो ,

 मज़बूरी है इसलिए लूट मचा रखी है सबने .अरे कम से कम थैली में 

तो दो उसके पचास पैसे भी बचाओगे का ?

विक्रेता ने दो लेच पी के टैब निकाले ,एवं टोकरी में से एक तुड़ी मुड़ी थैली में डाल कर दे दिया .


विक्रेता ( एक रसीद लिखते हुये ) : साहब यह लीजिये आपकी  गारंटी की रसीद ,

धन्यवाद .

इतना कह कर वह अपनी टोकरी उठा कर अगली गली में चल दिया ,

आवाज लगाते हुये .

(नोट : तस्वीर प्रतीकात्मक है ,वह कोई विक्रेता नहीं है ! हमने ही खिंची है )

समाप्त

चंद्रेश विमला त्रिपाठी

चंद्रेश विमला त्रिपाठी

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