फिल्म एक नजर में : डेडपूल
सनम तेरी कसम ,सनम रे ,फितूर ,लवशुदा ,डाईरेक्ट इश्क ,जैसी केवल प्यार मोहब्बत और टिपिकल बोलीवूड मसाला फिल्मो के ट्रेलर्स ,फिल्म रिलीज ने काफी कन्फ्यूज कर रखा है ! कौन सी रिलीज हुयी है और कौन सी होने वाली है कुछ पता नहीं चल रहा ! सब एक ही जैसी नजर आती है और मोहब्बत प्यार का ओवरडोज सा हो जाता है ! ऐसे में कोई फिल्म देखने का मन ही नहीं हुवा ,इन पुराने मसालों को छोड़ कर फिर रुख हुवा होलीवूड की ओर , ताजा रिलीज डेडपूल की ओर !
और थोडा सा बोलीवूड के वैलेंटाईन रूप हैंगोवर से राहत मिली .
कॉमिक्स जगत में सुपरहीरो है जो हीरो कम एंटीहीरो ज्यादा है !
जो मस्तमौला है ,जिसे दुसरो की परवाह नहीं जो स्वार्थी भी है !
ऐसा नकचढ़ा हीरो जिससे हर कोई परेशान हो और ,उसपर तुर्रा यह के वह अमर है ,मर ही नहीं सकता . गंभीर से गंभीर परिस्थितियों में भी गंभीर ना रहनेवाला और
अजीब अजीब चुटकुले सुनाने वाला निडर और हद से ज्यादा खतरनाक भी .
मार्वल कॉमिक्स यूनिवर्स का ऐसा ही पात्र है ‘’डेडपूल ‘’ जिसकी फिल्म का इन्तजार बेसब्री से किया जा रहा था ! मार्वल की यह शुरुवाती ‘’रेड बैंड ‘’ फिल्म है ,जिसमे अतिरंजकता एवं खुले संवादों दृश्यों की भरमार होती है ,लेकिन भारतीय वर्जन में कुछ दृश्यों पर कैंची चल चुकी है , हिंदी ट्रेलर के संवादों को भी फिल्म में बदला गया है ,
फिल्म की कहानी है वेड विल्सन की ( रयान रिनोल्ड्स ) जो स्पेशल फोर्सेस से निकाला हुवा व्यक्ति है और कुछ गैरकानूनी संगठनों के लिए काम करता है ,पैसे के लिए किसी को भी उठवा लेना ,हड्डिया तोडना उसका पेशा है ,उसके जीवन को ठहराव मिलता है ‘’वेनेसा ‘’ के रूप में जो खुद वेड जितनी ही पागल है .
सब कुछ ठीक ठाक चल रहा होता है किन्तु तभी पता चलता है के वेड को लास्ट स्टेज का कैंसर है ! वह जीने की उम्मीद खो बैठता है के तभी उसके सम्पर्क में आता है डॉक्टर एजेक्स ,जो उसका कैंसर ठीक करने और नयी शक्तिया दिलवाने का वायदा करता है .
लेकिन अजेक्स वेड का इस्तेमाल कर रहा होता है और वह प्रयोग से वेड में अनोखे बदलाव ला देता है जिसकी उम्मीद खुद उसे नहीं थी,अब वह एक म्युटेंट बन चूका है ! वेड कीसी तरह एजेक्स के चंगुल से निकल जाता है ,अब उसका जीवन बदल जाता है ,कैंसर तो ठीक हो जाता है किन्तु उसका साईड इफेक्ट उसकी स्किन पर होता है और वह बदसूरत हो जाता है ! लेकिन उसे शक्तियों के रूप में हीलिंग पावर मिलती है जो उसे अविजित बना देती है ! अब उसका मकसद है ,एजेक्स को ढूँढना और उसे खत्म करना .
फिर क्या होता है यह कहानी का बाकि हिस्सा है .
ट्रीटमेंट की बात करे तो फिल्म में रंजक दृश्य है ( जिनमे से कुछ सेंसर भी हो चुके है ) ,साथ में कॉमेडी भी ऑर द्विअर्थी संवाद भी ! फिल्म डार्क कॉमेडी एक्शन का मिला जुला रूप है , एक्शन दृश्य उतने ख़ास नहीं है जितना के एक सुपरहीरो फिल्म से उम्मीद की जाती है केवल शुरुवाती एक्शन सिक्वेंस को छोड़कर , यह डेडपूल की शुरुवाती फिल्म होने की वजह से भी हो सकता है , वैसे इसमें एक्स मेन के कुछ सदस्य भी है जो डेडपूल को एक्स मेन ग्रुप का हिस्सा बनने के पीछे पड़े है .
और डेडपूल यदि एवेंजर्स में दिखे तो हैरानी नहीं होगी ,और ऐसा होगा भी ! जिसका लिंक क्लाइमैक्स की फाईट में दिया गया है ,जिस वर्कशॉप में आखिरी लड़ाई होती है उसमे एवेंजर्स के ‘’शील्ड ‘’ की शिप भी है .
कुल मिला कर मजेदार फिल्म है जो एक्शन और कॉमेडी का बढ़िया तालमेल है , एक अनोखे और अलग तरह के सुपरहीरो को देखना हो तो डेडपूल बढ़िया विकल्प है .
वैसे भी आधे से ज्यादा खाली थियेटर और हर थियेटर में एक या दो शोज ही होने से साफ़ पता चलता हा के अभी भी दर्शको के बड़े हिस्से को ऐसे किसी सुपरहीरो की कोई जानकारी नहीं है .
तीन स्टार
देवेन पाण्डेय
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