रोटी जैसे ही बड़ी सी रोटी बिना किसी चकले बेलन के उसने अपनी मजबूत पानी लगे हाथों के बीच गोल गोल थपकते हुए फैला कर लकड़ी वाले चूल्हे के ऊपर रक्खे उल्टे गोल तवे पर डाली - छुन्न की आवाज हुई और रोटी के सिकने की मीठी मीठी महक झोपड़ी से बाहर आकर मेरे नथुनों से टकराने लगी । रोटी