कुछ लालच में पड़ करके यह रीत चलाना ठीक नहीं अभी उगे हैं जो पौधे बरगद बतलाना ठीक नहींजिनका जो हक है वो उनको मिल जाएगा खुद इक दिन पर जो लायक नहीं उन्हीं के गुण को गाना ठीक नहींइंसानो को इंसा ही रहने देना ओ नादानोनेक बड़े होंगे उनको भगवान बताना ठीक नहींचेहरा सब कुछ कह देता है इतना तो हम भी समझें जो खुश हो कर नहीं मिले उसके घर जाना ठीक नहींजो बात पुरानी पड़ गयी है तुम उसे वहीं पे रहने दो माहौल दुबारा बिगड़े क्यों वह बात उठाना ठीक नहींमाना होंगे ब्रह्मज्ञान में पारंगत कुछ लोग यहॉं लेकिन चेला बन पंडों के दण्ड उठाना ठीक नहीचलने वाला ही गिरता है लेकिन पाता है मंजिल ऐसे लोगों पर हँसना या के मुस्काना ठीक नहींजो अच्छे इंसां हैं उनकी तारीफ भले मत करना तुम पर बात-बात में उनको केवल मारो ताना ठीक नहींजो समझदार हैं उन्हें इशारा ही काफी हो जाता हैमूरख बन्दों को पंकज जी कुछ समझाना ठीक नहीं<p style="margin-top: 6px; marg
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