मैं घास हूँ मैं आपके हर किए-धरे पर उग आऊँगा बम फेंक दो चाहे विश्वविद्यालय पर बना दो होस्टल को मलबे का ढेर सुहागा फिरा दो भले ही हमारी झोपड़ियों पर मेरा क्या करोगे मैं तो घास हूँ हर चीज़ प
पाश का पूरा नाम अवतार सिंह संधु था। पंजाब के प्रमुख कवियों के रूप में उनको जाना जाता है। पाश की पहली कविता 1967 में छपी, जबकि पहली कविता उन्होंने पद्रह वर्ष की आयु में लिखी थी। कवि के रूप में पाश को
Third party image referenceसर्दियों के दिनों में ठंड से बचने के लिए हर कोई प्रयास करता है । ठंड से बचाव के लिए लोग गर्म कपड़े और गर्म खाने का अधिक उपयोग करते है, लेकिन ठंड नही मिटती । लेकिन क्या आपने कभी ऐसी बूटी देखी है, जो आपको सर्दी में भी गर्मी का अहसास कराती हो । और साथ ही कई प्रकार के रोगों को