shabd-logo

विचार.

hindi articles, stories and books related to vichar.


अब वह समय कहां जब हमें अपनी परंपरा और संस्कृति के बारे में जानकारी लेने की बड़ी जिज्ञासा रहती थीं । अपने माता- पिता, दादा- दादी, नाना- नानी से अपने संस्कृति से जुड़ी हुईं तमाम जानकारियां इकट्ठा किया

घर आँगन में फुदकती चूं - चूं करती चिरैया,कोई बता दे कहाँ गई वो प्यारी गौरैया...-दिनेश कुमार कीर

बगुला और सांप की कहानी - अनीश और अमितएक बार एक सुंदर व सुशील लड़का था, जिसका नाम अनीश था । वह बहुत ही नेक और ईमानदार और दयालु था । वह सदा पढ़ाई में आगे रहता था । वह सभी गुरुजनों, अपने माता - पिता और ब

कहानी : - नटखट मोरनी एक घने से जंगल में बहुत नटखट मोरनी रहती थी । वह सभी को बहुत परेशान करती थी । वह किसी के पकड़ में नहीं आती थी ।एक दिन जंगल के कुछ जानवरों ने मिलकर एक योजना बनायी कि हमें जैसे

भाव का भूखा एक अमीर आदमी बहुत ही संकट में था । उसे लाखों - करोड़ों का नुकसान जो हुआ था, और सारी जीवन की कमाई डूबने के करीब थी ! जीवन की नाव डगमगा रही थी । वह कभी मंदिर नहीं गया था, वह कभी पूजा पाठ

पिंजरे का पंछी  - सेठ जी और तोता की प्रेरणा दायक कहानीएक सेठ जी और सेठानी जी हमेशा भजन - कीर्तन में जाते थे । सेठ जी के घर एक पिंजरे में तोता पाल रखा हुआ था । तोता एक दिन पूछता हैं कि, सेठजी आप ह

तोता और कौआ की कहानीएक समय की बात है। एक छोटे से गाँव में दो भाई रहते थे। जहाँ एक भाई दयालु और शांत स्वभाव का था वहीं दूसरा भाई झगङालु और ईर्ष्यालु स्वभाव का था। एक भाई ने एक तोता (कीर) पाल रखा था तो

कौआएक समय की बात है, पढ़ाई के लिए बाहर दूसरे शहर में किराये का एक नया कमरा लिया है, उस के एक तरफ बालकनी लगी हुई थी। मुझे यहाँ पर सब कुछ बहुत पसंद है बस नहीं पसंद है, तो एक कौवे की आवाज ! जो अक्सर कमरे

गाँव की शादियांपहले गाँव मे न टेंट हाऊस थे और न कैटरिंग।थी तो केवल सामाजिकता व व्यवहारिकता।गांव में जब कोई शादी होती तो घर के अडोस-पडोस से चारपाई आ जाती थी,हर घर से थरिया, लोटा, कलछुल, कढ़ाही इकट्ठा ह

.                              जब महाभारत का युद्ध प्रारम्भ हो रहा था, इधर से पांड़वो की सेना तैयार थी उधर से कौरवों की स

मैं घास हूँ मैं आपके हर किए-धरे पर उग आऊँगा बम फेंक दो चाहे विश्‍वविद्यालय पर बना दो होस्‍टल को मलबे का ढेर सुहागा फिरा दो भले ही हमारी झोपड़ियों पर मेरा क्‍या करोगे मैं तो घास हूँ हर चीज़ प

आज मैं आपको एक ऐसी दुनिया के बारे में बताऊंगी जो हम सब के पास है लेकिन सबकी पर्सनल भी है।इस दुनिया में सिर्फ वही जा पाता है जिसकी ये दुनिया होती है,और उस दुनिया में वही होता है जो हम चाहते हैं।अब आप स

नेहरू जी के जन्मदिन की याद में ये बाल दिवस मनाते हैंसबको था उनसे बहुत स्नेहइसलिए सब उनको चाचा बुलाते थेअक्सर वो फूल लगाते थेहमेशा ही मुस्काते थेआज उनकी याद में हम सब उनकोश्रद्धा सुमन चढ़ाते

यदि पुरुष स्त्री को अपनी बाहों में लेना चाहता हैं,  तो उसका तात्पर्य केवल वासना मात्र ही नहीं हो सकता हैं...  कई दफा इसका अर्थ होता हैं,  वह स्त्री की आत्मा को स्पर्श करना चाहता हैं...  उस स्त

हम तो अपनी हमसरी में इस तरह गाफ़िल रहे,आज तक अपना कहीं महफिल मिला, ना कारवाँ । या खुदा! जब भी तुम्हारी याद दिल को छू गई,दिल के इशारे ने चुने मोती खरे दरियाव के। नाखुदा है समझ बैठा दरिया उसके

तुम रोज इसमें इस तरह झाँका ना करो,ये आइना है टूट कर बिखर जाएगा।लबों पे दर्द की हिचकियाँ न लाना कभी,सुन के मंजर ये सारा दहल जाएगा।तूने उठा रखी जो नज़रों से कायनात की ज़मीर,कयामत में सरेआम मातम पसर जाएगा।

ज़िन्दगी हादसा है, गुज़र जाता है,आदमी जीता है, मर जाता है,ज़िन्दगी में बहुत लोग मिल जाते हैं,दिल में कोई-कोई ही रह पाता है।

मैंने उनके अपनेपन का भरम पाल रखा था। मैं उनका निकला, वे मेरे न हुए।

लबो पर एहसास ए ज़िक्र का इंतज़ार है आंखों में गहराई का इंतज़ार है दूर से ही सही पर समझ आता है की उनके जज्बातो को भी हमारा इंतज़ार है मन तो हमारा भी व्याकुल है उनसे मिलन का पर प्रेम की ऋतु का इंतज़ार ह

विचारों की अपनी एक दुनियाँ होती है,प्रतिपल दिमाग में विचार चलते रहते हैं।इनमें से कुछ अच्छे तो कुछ ख़राब होते हैं,अच्छे विचार धीमे, तो ख़राब बहुत तेज़ दौड़ते हैं।।अच्छे विचारों के घोड़े सरपट दौड़ाइए साहब,पर

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए