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वो कहते हैं कि चूड़ी की खनखन सुन ले,रुनझुन सुनले पायल की,आंखों का आंचल सुन ले,खुशबू सुन ले सैंधल की,सुन ले जो प्रेयसी की खातिर ताजमहल बनवाते हैं,राज धर्म को छोड़ कभी जो जुल्फों में खो जाते हैं,वासना न