कोई key ग्रह ...
या जिस ग्रह को यह जिम्मदारी है कि आपको शुभफल देना है अगर वही कुछ देर केलिए भी संकट में फंस जाये तो समझिए आपका क्या होगा।
मेरी लग्न कुंडली में चन्द्रमाँ नवमेश हैं।
चन्द्र कुंडली से एकादशेश हैं।
सूर्य कुंडली से दशमेश हैं।
अर्थात नौ , दस और ग्यारह क्रमशः भाग्य, कर्म और लाभ!
ऊपर से दिन भर का क्रिया कलाप चन्द्रमा से ही निर्धारित होता है।
कुंडली की 50 प्रतिशत समस्या चन्द्रमा को पकड़ने से समझ आ जाता है।
सबसे बड़ी बात चन्द्रमा मन का कारक है..मन ठीक तो सब ठीक।
आज मैं सुबह से ही परेशान था, कार्यालय में ईगो हर्ट हो रहा था..आज कल कार्यालयों में भर्ती नही है तो कर्मियों की कमी है।
तीसरी मंजिल से पहली मंजिल दौड़ दौड़ कर मेरा मन और कैलोरी दोनो जल रहा था...
मानसिक और दैहिक रूप से तनाव में था तभी राहुल भैया का फोन आया...इनका ध्यान नक्षत्रों पर लगा रहता है। और लोग ज्योतिष पढ़ते-पढ़ाते और देखते- दिखाते हैं जबकि भैया ज्योतिष- अध्यात्म जीते हैं।
मैंने कहा भैया आज चन्द्रमा किस नक्षत्र में गोचर कर रहे हैं??
उन्होंने कहा आद्रा में
हमने कहा ये तो राहु का नक्षत्र है...मैंने कहा कब तक है (कितने बजे तक) वे बोले 2:45 ...हमने कहा अब उसके बाद ही फ़ाइल पुट अप करेंगे...वो बोले बिल्कुल... सही..
हम चुप मार के बैठ गए...लेकिन ग्रह कहाँ चुप बैठने वाले थे..काम तो करना ही पड़ा...और तनाव बढ़ता गया...
लेकिन 3 बजे के बाद से चन्द्रमा गुरु के नक्षत्र में हैं जिससे कुछ आराम मिला है।
बस यही कहूँगा... "जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिए"
मान अपमान सब क्षणभंगुर हैं...सब को साइड कीजिए।
और राम राम कहते रहिए....
सब को जय श्री राम!