shabd-logo

गुण्डा

5 नवम्बर 2021

29 बार देखा गया 29

दिव्या अपने कॉलेज जा रही थी ,तभी उसके सामने एक आदमी आकर गिरता है,वह डर कर पीछे होती है तभी एक करी 6 फिट का  एक स्मार्ट नवजवान आता है और उसको लातो से मारने लगता है, दिव्या डर कर दूसरी तरफ से निकल जाती है, वह कुछ लोगो को बोलते सुनती है कि यह तो राजा है बहुत बड़ा गुण्डा है,अभी तो जेल से निकाला है , कई मर्डर केस है इसपर ,बहुत निर्दई है गोली मरने से पहले सोचता भी नही है, इस से पंगा लेना मतलब मौत से पंगा लेना, वह सुनती हुई आगे निकल जाती हैं, पीछे भिड़ की आवाज़ आती रहती साथ ही मर खाने वाले की चीखे भी , दिव्या सोचती है इतने सारे लोग है पर कोई उसे बचाने नही आ रहा उस आदमी को , निर्दई वो काम लोग ज्यादा हैं, जो देख कर भी कुछ नहीं बोलते, "!!  दिव्या 21 साल की खूबसूरत लड़की थी , उसके पापा एक प्राइवेट कम्पनी में मैनेजर है, मम्मी घर में ही रहती है, वह अभी फाइनल ईयर में है , उसका आने जाने का  रोज का टाइम फिक्स है , शाम को लौटते समय फिर वह गुण्डा राजा मैदान के पास एक बेंच पर बैठा अपनी प्रजा की क्लास ले रहा था ,मतलब अपने गुर्गों को किसी बात पर डांट  रहा था, दिव्या चुप चाप निकल जाती हैं , "! दूसरे दिन सुबह वह सोई थी की अचानक उसकी मां चीखती हैं , मां की चीख सुन वह हड़बड़ा कर बाहर आती हैं तो देखती है की राजा पिस्टल ताने सोफे पर बैठा है और उसके मां और पापा दोनो ही खड़े कांप रहे हैं ,उसे देख राजा मुंह में उंगली रख चुप रहने का इशारा करता है, दिव्य को समझ नही आता है कि यह क्या हो रहा है ,यह गुंडा उसके घर में क्यों घुस आया है,थोड़ी देर में उसके मोबाइल पर मैसेज आता है वह देखकर उठता है और सॉरी कहता है  और बताता है " पुलिस पीछे पड़ी थी और ये दरवाजा खुला देखा तो अंदर घुस आया सॉरी मेरी वजह से तुम लोगो को तकलीफ हुई ,"!! वह एक झटके में बाहर चला गया , दिव्या को मन ही मन बहुत गुस्सा आया उसके मम्मी पापा अभी भी डर से कांप रहे थे, वह उनसे कहती हैं ," चला गया वह, आप लोगों से कितनी बार कहा है दरवाजा बंद करके रखा करो पर मां को तो सुबह 5 बजे ही दरवाजा खोलने की आदत है ,किसी दिन वो हम सबको गोली मार देगा , बहुत खतरनाक गुण्डा है अभी परसो  ही जेल से आया है ,,"!! उसके पापा नॉर्मल होते हुए पूछते हैं, " तु इसके बारे में कैसे जानती है, "!! वह कहती है, " राजा नाम है उसका ,सभी उसके बारे में जानते हैं ,आप कभी बाहर किसी से मिलेंगे तो कुछ पता चलेगा, 10 साल से रह रहे हैं यहां शायद पड़ोसी भी नही जानते हमे, मां को पूजा से फुर्सत नही आपको नौकरी से फुर्सत नहीं, "!! वह गुस्से में वाशरूम में जाती है, ये समस्या तो शहरो में आम है ,कोई किसी से मतलब नही रखना चाहता है,लोग यह नही सोचते हैं की जब किसी से कोई मतलब नहीं रखेंगे तो वक्त बेवक्त कौन काम आयेगा , जेड!!
दिव्या कॉलेज के लिए निकलती है तो वही गुण्डा एक तरफ अपने गुर्गों के साथ बैठा चाय नाश्ता कर रहा था, उसे तो जैसे किसी की परवाह ही नहीं थी वह गुस्से से चुप चाप  देखते हुए निकल जाती है, ,!
शाम को लौटते वक्त रास्ते में फिर हंगामा हो रहा था राजा किसी आदमी को बेल्ट से बुरी तरह पिट रहा था वह आदमी सबसे बचाने की गुहार लगा रहा था पर कोई नही आगे आ रहा था ,दिव्य कर भी क्या सकती थी गुस्सा तो उसे बहुत आ रहा था ,पर वह शांत मन से वहां से निकल गई, उसके मन में उसके लिए बददुआ ही निकल रही थी,!!

दो दिन बाद रक्षा बंधन था ,उसकी मां सुबह सुबह दिव्या के पापा से राखी लाकर देने को कहती है उसके भाई वहा से 200 km दूर रहते थे कल उनका फोन आया की वह तबीयत ठीक नहीं होने की वजह से नही आ पाएंगे ,तो वह आज दोपहर को वहां चली जायेगी और कल दोपहर को वापस आ जायेगी , दिव्या के पापा बड़बड़ाते हुए निकलते है की एक राखी भी नही खरीद सकती हैं ,वह बाइक स्टार्ट कर मार्केट की तरफ जाते है,  मां बेटी दोनो अपने अपने काम पर लग जाती हैं , एक घंटे बीत गए पर उसके पापा नही आए जबकि 10 मिनट का रास्ता था, वह फोन लगाते हैं तो वह भी स्विच ऑफ बताता है , दिव्या को बहुत टेंशन होती है, तभी बाहर कोई किसी से बात करता हुआ जा रहा था, कि रोड पर तगड़ा एक्सीडेंट हुआ है एक बाइक सवार को ट्रक वाले ने उड़ा दिया है  वह रोड पर गिरा तड़प रहा था ,मेरे से तो देखा नही गया ,मैं तो चला आया यही कहीं रहता होगा , वो दुकान वाले बता रहे थे की वह रोज उसे देखते है ,इतने सुनते ही दिव्या मां से चीख कर कहती हैं " मम्मी जल्दी चलो पापा का एक्सीडेंट हो गया है ,दोनो बेतहाशा रोड की तरफ भागते हैं , वहां पहुंच कर देखते हैं, कि पापा की बाइक रोड के किनारे पड़ी थी ,रोड पर काफी खून बहा था दोनो रोने लगती है , तभी एक आदमी कहता है ,"  वो तुम्हारे क्या लगते हैं,"!! दिव्या कहते हैं " मेरे पापा हैं ,!! वह कहते हैं " उन्हे मार्केट के बड़े हॉस्पिटल में ले गए हैं, ,"!! दोनो ऑटो पकड़ कर हॉस्पिटल जाते हैं , ऑटो वाला उनसे किराया नहीं लेता है , दोनो हैस्पिटल में भागते हैं और पूछते हैं कि कोई एक्सीडेंट का नया पेशंट आया है क्या तो वह बताती है " हां उसे सीरियस इंजरी है ,ऑपरेशन थियेटर में है ऑपरेशन चल रहा है , डेढ़ लाख रुपया लगा है , "!! दोनों यह सुन शॉक्ड रह जाते है , क्योंकि उनके पास तो इतने पैसे थे भी नही , तभी सामने से राजा आता दिखाई देता है ,उसके कपड़ो में खून लगा था , उसे देख दिव्या को घृणा होती है और सोचती है ,जरूर फिर किसी कमजोर को मार कर आया होगा कमीना,वह दूसरी तरफ चली जाती हैं , तभी राजा डॉक्टर के पास जाकर कहता है,"  खून दे दिया है और भी चाहिए तो बोलना , मैं अरेंज कर दूंगा, और पैसे भी भिजवा देता हूं , "!! वह जाता है, उसके जाने के बाद दिव्या पूछती हैं ," डॉक्टर ये गुण्डा यह क्या कर रहा था किसी को मारने आया था क्या,"? डॉक्टर कहता है" जिसके बारे में तुम पूछ रही थी न उसे यही गुण्डा उठाकर लाया था अगर थोडी देर और हो जाती तो वह आदमी वहीं मार जाता, और उसका एडवांस भी उसने खुद भरा और खून भी दिया , ऑपरेशन कुछ देर में हो जायेगा वैसे तुम लोग पेशंट के क्या लगते हो, दिव्या के तो जैसे काटो तो खून ही नही वाली स्थिति हो गई थी जिसे वह इतना बुरा भला कह रही थी उसी ने उसके बाप की जान बचाई, वह रोने लगती है , तभी दूसरा डॉक्टर आकर कहता है की ऑपरेशन हो गया पेशंट को वार्ड में शिफ्ट कर रहे हैं उनके कोई रिलेटिव आए की नही , दिव्या और उसकी मां आगे आते हैं ,सभी वार्ड रूम में जाते हैं ,उसके पिता के सर पर गहरी चोट आई थी, वह अभी बेहोश थे, तभी एक आदमी आता है और कहता है "  डॉक्टर राजा भाई ने 50 हजार और भेजे हैं  कहा है की जो लगे लगा लेना बाकी इनके खाने पीने और दवा के लिए इनके घरवालो को दे देना"!!  ,डॉक्टर कहते  हैं " इन्हे दे दो हमारे हिसाब से भी कुछ पैसे बचेंगे ,वह भी हम इन्हे दे देंगे, "!! वह आदमी दिव्या की मम्मी के हाथ पैसे देकर जाता है, दिव्य की आंखो में आंसुओ की धार बह निकलती है, ,"!! थोड़ी देर में उसके पापा को होश आता है तो वह धीरे धीरे सब बताते है ,उसी समय पुलिस भी आ जाती है और उनका बयान दर्ज कर उस ट्रक वाले पर केस दर्ज करती है , C C TV से ट्रक का नंबर मिल गया था , वह जाते हैं, "!
दूसरे दिन सुबह सुबह दिव्या निकलती है उसके हाथ में टिफिन भी है, वह हॉस्पिटल के लिए जा रही है, तभी उसे मैदान में राजा दिखाई देता है जो अपने गुर्गों के साथ चाय पी  रहा था  , दिव्या धीरे धीरे उसके पास जाती हैं और कहती है," राजा भैया , "!! सभी उसे देखते हैं , राजा उसे देख पूछता है " बोलो क्या काम है तुम्हारे पिता ठीक तो हैं , "!! दिव्या को शॉक्ड लगता है कि वह उसके पिता को पहचान गया था ,वह कहती है " आज रक्षा बंधन है ,मेरा कोई भाई नहीं है और शायद आपकी भी कोई बहन नही है तो मैं आपको राखी बांध सकती हूं, "!  वह अपलक उसे देखता रह जाता है फिर अचानक बोलता है ," जा be मिठाई ला आज से अपुन के भी रिश्तेदार हो गए हैं बहन मिली है तो मां बाप भी मिल गए ,जा जल्दी ( उसकी तरफ देख ,) आ आ जा मेरी बहन इस बदनसीब के भी आज नसीब खुल गए , दिव्या राखी बांधती है , और उसके गले लग सोचती है की यह गुण्डा है की देवता, ,""!!

1
रचनाएँ
गुण्डा
5.0
दिव्य एक लड़के को मार पिट करते देख कर चिढ़ जाति है उसके बाद गुंडा उसके साथ कुछ ऐसा करता है कि वह सोच नही पाती

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए