ओजस्वी औरसंवेदनशील कवि, महान राजनीतिज्ञ श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्मदिवस परउभिन की दो रचनाओं के साथ समर्पित हैं श्रद्धा सुमन – इस महान युग पुरुष को… न दैन्यं न पलायनम्कर्तव्य के पुनीत पथ को हमने स्वेद से सींचा है, कभी-कभी अपने अश्रु और प्राणों का अर्ध्य भी दिया है |किंतु, अपनी ध्येय-यात्रा में
यदि आप एक नियमित सोशल मीडिया और व्हाट्सएप उपयोगकर्ता हैं, तो आपको अवगत होना चाहिए कि Real और Fake न्यूज़ के बीच की लाइन कितनी पतली है। कोई भी कुछ लिखता है और लोग इसे जंगल की आग की तरह फैलाते हैं। सोशल मीडिया मूल रूप से निराधार चीजों से भरा है जो लोग तथ्यों के रूप में
अमर लेखिका अमृता प्रीतम ने एक बार कहा था कि कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं जो हर हाल में रहते हैं स्वीकृति से जन्मते और कायम रहते तो ठीक था लेकिन यह कई बार अस्वीकृति में से भी जन्म ले लेते हैं और सिर्फ जन्म ही नहीं लेते बल्कि इन्सान के साथ भी जीते हैं और मरने के बाद भी। एक ऐसा ह
अपनी काव्यानुभूति और सरल भाषा द्वारा हिन्दी कविता को एक नया मोड़ देने वाले महाकवि डॉ. गोपालदास नीरज ने अटल बिहारी वाजपेयी को लेकर एक ऐसी भविष्यवाणी की थी, जो सच साबित हो गई। अटलजी और गोपालदास जी अच्छे दोस्त हुआ करते थे। दोनों की मुलाकात कानपुर के डीएवी कॉलेज में पढ़ने के
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन हुआ. सब लोगों ने उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि दी. सोशल मीडिया पर उनके नाम का हैश टैग ट्रेंड करता रहा. उनके किस्से-कहानियां सुनाए जाने लगे, लेकिन इस सब के बीच वे लोग भी सक्रिय रहे जो हमेशा अफवाहें फैलाने का काम करते हैं. इस ब
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का गुरुवार को दिल्ली एम्स में निधन हो गया. वह 94 साल के थे. अटल का दुनिया से जाना एक अपूर्णनीय क्षति है. उन्होंने अविवाहित रहकर देश की सेवा की और अपना पूरा जीवन देश के लिए जिया. ऐसे में सवाल उठता है कि अटल के जाने के बाद उनके परिवार म
कड़े फैसले लेने वाले प्रधानमंत्री, संवेदनाओं के रस में डूबी कविताएं लिखने वाले कवि, हाजिरजवाब और कुशल वक्ता...देश के पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ढेर सारी खूबियों वाली शख्सियत थे। उनके निधन से एक तरफ जहां पूरा देश गम में डूबा है, वहीं दूसरी तरफ उनका ऐसा वीडियो सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हो रहा है, जिस
ठन गई! मौत से ठन गई! जूझने का मेरा इरादा न था, मोड़ पर मिलेंगे इसका वादा न था, रास्ता रोक कर वह खड़ी हो गई, यों लगा ज़िन्दगी से बड़ी हो गई। मौत की उमर क्या है? दो पल भी नहीं, ज़िन्दगी सिलसिला, आज कल की नहीं। मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूँ, लौ
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का लंबी बीमारी के बाद गुरुवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया. एम्स के मीडिया एवं प्रोटोकाल डिविजन की अध्यक्ष प्रो. आरती विज की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि गहरे शोक के साथ हम पूर्व प्रधानमंत्री अट
पू्र्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की हालत बेहद नाजुक है. उन्हें दिल्ली एम्स में लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है. एम्स में पिछले 9 हफ्ते से भर्ती पूर्व प्रधानमंत्री की सेहत में कोई सुधार नहीं हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दोबारा एम्स
पन्द्रह अगस्त का दिन कहता - आज़ादी अभी अधूरी है।सपने सच होने बाक़ी हैं, राखी की शपथ न पूरी है॥जिनकी लाशों पर पग धर कर आजादी भारत में आई।वे अब तक हैं खानाबदोश ग़म की काली बदली छाई॥कलकत्ते के फुटपाथों पर जो आंधी-पानी सहते हैं।उनसे पूछो, पन्द्रह अगस्त के बारे में क्या कहते हैं॥हिन्दू के नाते उनका दुख स