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लेखक, कवि , MD- SMS ENVOCARE Ltd.

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गीता दोहे

26 फरवरी 2017
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1. प्रथमोऽध्याय: अर्जुनविषादयोगः[सम्पाद्यताम्] ॐधृतराष्ट्र उवाचधर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सवः ।मामकाः पाण्डवाश्चैव किमकुर्वत संजय ॥१-१॥धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र का, बोलो संजय हाल।कौन कैसे और कहाँ, पांडव-मेरे लाल HG1-1सञ्जय उवाचदृष्ट्वा तु पाण्डवानीकं व्यूढं दुर्योधनस्तदा ।आचार्यमुपसंगम्य र

काश हम उन जैसे बन पाये!!!

26 फरवरी 2017
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काश हम उन जैसे बन पाये!!!३१ दिसम्बर २०१६२००८ में पापा नहीं रहे व २०१६ दिसम्बर में मम्मी भी मोक्ष की यात्रा के लिये चल पड़ी। दोनों का जीवन संघर्ष पूर्ण रहा। पापा मेहनती व धूनी थे लेकिन लक्ष्मी की कृपा से वंचित रहे। बाईजी (मम्मी) समझदार व धार्मिक थी लेकिन पढ़ न पाने का अफ़सोस सदैव रहा। उम्र भर उनका प्

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