अजीब सी श्रद्धा
अजीब सी श्रद्धा है तुझसे , की तुझे मांगना भी है , और छोड़ना भी .हम सनातन वाले हर तिनके को पूजते है , की तुझे पूजना भी है ,और फेकना भी. अन्न तो ईस्वर है हमारे लिए ,की उसे माथे पे लगाना भी है ,और पैरों में रोंधना भी. अजीब सी श्रद्धा है हमारी, कि दिवाली पे स