हिमांशु चक्रवर्ती
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जिन्दगी अनेको दुखो से भरी है और सुखो से भी कोई सुख में जीता है कोई दुःख में जीता है लेकिन ये एक सिक्के के दो पहलू है सुख के बाद दुःख आता है और दुःख के बाद सुख जो इसमें जीना सीख लेता है वही जीवन की सच्चाई जान लेता है...........