हिंदी की महत्ता
हिंदी के महत्व को रेखांकित करने के लिए
तरह-तरह से लोग मानते हैं हिंदी दिवस
इस वर्ष हिंदी दिवस में जन-जन में हो
हिंदी के प्रति समर्पण की भावना
बने लोक आचरण की भाषा
समझे इसकी महत्ता को सब
विद्यार्थी भी हों जागरूक
कुछ नया करने की सोच
कार्यस्थल विद्यालय में ही
बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए
बच्चों को ही हिंदी बनाया
हिंदी का व्यवहार करने का
संकल्प बीजारोपण किया
आज हथिलियों में स्वर व्यंजन
रंगोली से वर्णमाला बनवाया
विविध चित्रों से हिंदी प्रेम जगाया
उत्साहित बच्चों ने हिंदीमय रंगोली बनाया
निबंध और कविता लेखन कर
भावी कलमकार का आधार रखा
आज ऐसे ही हिंदी दिवस मनाया।
डॉ. लूनेश कुमार वर्मा
डॉ. लूनेश कुमार वर्मा की अन्य किताबें
डॉ. लूनेश कुमार वर्मा जन्म 17-05-1977। जन्म स्थान- घोटिया, तह.पलारी, जिला- बलौदा बाजार (छत्तीसगढ़)। वर्तमान में आप छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग में व्याख्याता के पद पर कार्यरत हैं। आपने एम.ए. संस्कृत, बी.एड., एम.ए. हिंदी, एम. ए. भाषा विज्ञान, केंद्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा, एम.ए. प्राचीन भारतीय इतिहास एवं पुरातत्व, डिप्लोमा इन इंग्लिश, एम.फिल. हिंदी, पीएच.डी. हिंदी किया है। शिक्षा क्षेत्र में आपका 18 वर्षों का शिक्षण अनुभव है।
आपका शोध विषय "समकालीन कहानी लेखन के संदर्भ में उदय प्रकाश की कहानियों का साहित्यिक अनुशीलन" है। आपने उदय प्रकाश की प्रसिद्ध कहानी 'मोहनदास' का संस्कृत अनुवाद 'मोहनदास:' (2022) और 'तिरिछ' कहानी का संस्कृत अनुवाद 'तिरछ:' (2023) किया है। हिंदी कविता संग्रह ‘जीवन एक नदिया है’ (2023) आपकी कृति है।
आपने राष्ट्रीय और अंताराष्ट्रीय अनेक कार्यशालाओं, सेमिनार-वेबीनार में भाग लिया है। विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में संस्कृत-हिंदी-छत्तीसगढ़ी आधारित 50 से अधिक शोध परक लेख-आलेख प्रकाशित हुए हैं।
छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद छत्तीसगढ़ रायपुर, शासकीय शिक्षा महाविद्यालय रायपुर, डाइट रायपुर, संस्कृत विद्यामंडलम् छत्तीसगढ़ इत्यादि संस्थानों में विविध अकादमिक गतिविधियों में आपकी सक्रिय सहभागिता रहती है।D