हरितालिका तीज
भारत है विविधताओं का देश
अनेकता में एकता विशेष।
अनेक संस्कृतियां और परंपराएं
सबकी अपनी-अपनी विशेषताएं।
भाषा-बोली और तीज त्योहार
हैं विविधता से भरे हुए अपार।
है मध्य पूर्वी क्षेत्र में एक प्रदेश
यहां की भाषा बोलियां है विशेष।
धान का कटोरा नाम से प्रसिद्ध
वनांचल से यह समृद्ध।
है यहां भी रीति-रिवाज परंपरा अनेक
जन है यहां के भोले-भाले, सीधे और नेक।
मनाते यहां तीज-त्योहार अनेक
हरितालिका तीज के रूप विशेष।
महिलाएं जातीं मायके में
मेल होता सखियों से वर्ष में।
खातीं एक दूसरे के घर जाकर
करु भात अपनापन पाकर।
रखतीं निर्जला व्रत
पति हो दीर्घायु प्रण।
मायके का नूतन परिधान
बहन बेटियों का सम्मान।
छत्तीसगढ़ की पवन भूमि की
है यह परंपरा महान सदियों की।
डॉ. लूनेश कुमार वर्मा
डॉ. लूनेश कुमार वर्मा की अन्य किताबें
डॉ. लूनेश कुमार वर्मा जन्म 17-05-1977। जन्म स्थान- घोटिया, तह.पलारी, जिला- बलौदा बाजार (छत्तीसगढ़)। वर्तमान में आप छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग में व्याख्याता के पद पर कार्यरत हैं। आपने एम.ए. संस्कृत, बी.एड., एम.ए. हिंदी, एम. ए. भाषा विज्ञान, केंद्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा, एम.ए. प्राचीन भारतीय इतिहास एवं पुरातत्व, डिप्लोमा इन इंग्लिश, एम.फिल. हिंदी, पीएच.डी. हिंदी किया है। शिक्षा क्षेत्र में आपका 18 वर्षों का शिक्षण अनुभव है।
आपका शोध विषय "समकालीन कहानी लेखन के संदर्भ में उदय प्रकाश की कहानियों का साहित्यिक अनुशीलन" है। आपने उदय प्रकाश की प्रसिद्ध कहानी 'मोहनदास' का संस्कृत अनुवाद 'मोहनदास:' (2022) और 'तिरिछ' कहानी का संस्कृत अनुवाद 'तिरछ:' (2023) किया है। हिंदी कविता संग्रह ‘जीवन एक नदिया है’ (2023) आपकी कृति है।
आपने राष्ट्रीय और अंताराष्ट्रीय अनेक कार्यशालाओं, सेमिनार-वेबीनार में भाग लिया है। विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में संस्कृत-हिंदी-छत्तीसगढ़ी आधारित 50 से अधिक शोध परक लेख-आलेख प्रकाशित हुए हैं।
छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद छत्तीसगढ़ रायपुर, शासकीय शिक्षा महाविद्यालय रायपुर, डाइट रायपुर, संस्कृत विद्यामंडलम् छत्तीसगढ़ इत्यादि संस्थानों में विविध अकादमिक गतिविधियों में आपकी सक्रिय सहभागिता रहती है।D