नई स्वरचित रचना -निष्कपट प्यार (18022022)
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तुम खूबसूरत हो!वाकई
क्या इतना पर्याप्त नहीं?
मै चाँद तारे तोड़ लाऊंगा
मै ये कर दूंगा, वह कर दूँगा"
ये वादा नहीं कर सकता मै।
ये न पूरे होने वाले वादों का ढोंग
ना बाबा ना, ये न हो सकेगा मुझसे।
बेहतर है तुम दो चार दिन रूठी रहो,
कम से कम मै झूठ का हिस्सा न बनूंगा।
मेरे दिल मे, उतरकर देखो कभी,
पूरे दिल मे समायी हो तुम, हाँ केवल तुम
मै झूठे वादों के इंतजार का बोझ उठाते तुम्हे,
नहीं देख सकता। काश तुम समझ पाती!
देखो, तुम्हारे लिये मैंने शब्द पिरोये है।
और, सुनो तुम वाकई बहुत सुंदर हो।
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