मनुष्य की हर अवस्था के अलग-अलग कहानियां होती है मनुष्य जब बच्चा होता है, जब किशोर होता है, जब युवा होता है, जब प्रौढ़ होता है जब मुझे बूढ़ा हो जाता है। युवावस्था मनुष्य के जीवन का दौर है,जब वो सपने देखता है, जब उसे लगता है कि से किसी से प्यार हो गया है। किसी के लिए यह अहसास ज्यादा होता है और किसी के लिए यह अहसास कम होता है. कुछ कोशिश कर रहा हूं अपनी यादों के झरोखों में जाकर अपनी युवावस्था की कहानी लिखने की?